महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की गठबंधन सरकार को बने हुए महज एक महीने ही हुआ है। लेकिन तीनों दलों के विधायक बागी बन गए हैं। हालांकि सरकार बनने के बाद ठाकरे सरकार ने बड़ी मशक्कत के साथ एक महीने बाद कैबिनेट विस्तार किया गया। लेकिन ये विस्तार पार्टी के लिए ही मुसीबत बनता जा रहा है। पहले कांग्रेस के विधायक संग्राम थाप्टे के समर्थकों ने उन्हें मंत्री न बनाए जाने के बाद पार्षद के पदों से इस्तीफा दिया।
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में एक महीने पुरानी उद्धव ठाकरे सरकार में बगावत के सुर तेज होने लगे हैं। शिवसेना से लेकर कांग्रेस और एनसीपी में पार्टी नेता और विधायक बगावत कर रहे हैं। पहले एनसीपी विधायक ने मंत्री न बनाए जाने के बाद राजनीति से संन्यास लेनी की धमकी दी तो अब राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज शिवसेना के विधायक अब्दुल सत्तार ने ठाकरे कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। कैबिनेट विस्तार के बाद तीनों दलों में उभर रही नाराजगी को लेकर ठाकरे सरकार परेशान है।
महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की गठबंधन सरकार को बने हुए महज एक महीने ही हुआ है। लेकिन तीनों दलों के विधायक बागी बन गए हैं। हालांकि सरकार बनने के बाद ठाकरे सरकार ने बड़ी मशक्कत के साथ एक महीने बाद कैबिनेट विस्तार किया गया। लेकिन ये विस्तार पार्टी के लिए ही मुसीबत बनता जा रहा है। पहले कांग्रेस के विधायक संग्राम थाप्टे के समर्थकों ने उन्हें मंत्री न बनाए जाने के बाद पार्षद के पदों से इस्तीफा दिया। वहीं आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों ने केन्द्रीय नेतृत्व को अपनी नाराजगी जताई।
हालांकि कुछ इस तरह की बगावत एनसीपी में भी देखने को मिली। एनसीपी विधायक ने पार्टी से इस्तीफा देकर राजनीति से संन्यास लेने की धमकी दी। लेकिन अब शिवसेना विधायक और कैबिनेट विस्तार में राज्यमंत्री बनाए जाने के बाद अब्दुल सत्तार ने अपने पद से इस्तीफा देकर महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान ला दिया है। सत्तार कैबिनेट में जगह चाहते थे, लेकिन शिवसेना ने उन्हें राज्यमंत्री बनाया। हालांकि शिवसेना में कैबिनेट विस्तार को लेकर संजय राउत भी नाराज हैं। क्योंकि संजय अपने भाई सुनील राउत को मंत्री बनाना चाहते थे।
लेकिन उन्हें कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिली। जिसके बाद नाराज संजय राउत ने कैबिनेट विस्तार के समारोह में हिस्सा नहीं लिया। यही नहीं संजय राउत के साथ ही पार्टी के आधा दर्जन विधायकों ने विस्तार से दूरी बनाकर रखी। हालांकि अब महाराष्ट्र सरकार के तीनों दलों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया है। लेकिन कैबिनेट विस्तार के बाद बंटवारे में पांच दिन लगे। जिसमें तीन दलों के नेताओं में नाराजगी देखने को मिली।