जानकारी के मुताबिक 13 में से आज सिर्फ 10 विधायक ही मंत्री पद की शपथ ले पाएंगे। हालांकि बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने सीएम येदियुरप्पा को दस विधायकों को ही कैबिनेट में शामिल करने का आदेश दिया है। असल में राज्य में कांग्रेस और जेडीएस से आए विधायकों को भाजपा ने उपचुनाव में टिकट दिया था और ये विधायक चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे।
बेंगलुरु। कर्नाटक में भाजपा सरकार का आज कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है। आज कैबिनेट विस्तार में दस विधायक ही मंत्री पद की शपथ ले पाएंगे। जबकि उपचुनाव में 13 विधायक जीत कर आए हैं। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पहले ही साफ कर चुके हैं कि कैबिनेट विस्तार में उपचुनाव जीतने वाले विधायकों को ही मौका मिलेगा। लिहाजा विधायक भी कांग्रेस और जेडीएस छोड़ने के बलिदान के इनाम के तौर पर कैबिनेट में जगह चाहते हैं।
जानकारी के मुताबिक 13 में से आज सिर्फ 10 विधायक ही मंत्री पद की शपथ ले पाएंगे। हालांकि बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने सीएम येदियुरप्पा को दस विधायकों को ही कैबिनेट में शामिल करने का आदेश दिया है। असल में राज्य में कांग्रेस और जेडीएस से आए विधायकों को भाजपा ने उपचुनाव में टिकट दिया था और ये विधायक चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। जिससे बाद पार्टी पर इन विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने का दबाव था। जिसके बाद पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री ने दिल्ली में पार्टी आलाकमान से बैठक की थी और जिसमें विधायकों के मंत्री बनने पर मुहर लगी थी।
उधर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने साफ किया है कि उमेश कट्टी को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। फिलहाल आज होने वाले कैबिनेट विस्तार पर सबकी नजर लगी हुई है। क्योंकि इसके जरिए भाजपा दक्षिण का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में मजबूत होगी और इसके बाद दक्षिण राज्यों में विस्तार पर फोकस करेगी। हालांकि दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि 13 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। लेकिन आलाकमान ने 10 विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने की मंजूरी दी है।
हालांकि पहले कहा जा रहा था कि येदियुरप्पा जनवरी के महीने के शुरूआत में कैबिनेट विस्तार करेंगे। लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। हालांकि राज्य सरकार को किसी भी तरह का खतरा नहीं है। लेकिन विधायकों को खुश करने के लिए भाजपा सरकार कैबिनेट विस्तार करना चाहती है। गौरतलब है कि कर्नाटक की सत्ता भाजपा के हाथ में कई सियासी घटनाक्रम के बाद आई है। वहीं पिछले दो साल में भाजपा के हाथ में दक्षिण का ये द्वारा हाथ में आया है।