चीफ सेक्रेटरी अनूप पांडे को योगी सरकार ने दिया छह महीने का विस्तार, कई आईएएस अफसरों की खत्म हुई दावेदारी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मौजूदा मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडे को मुख्य सचिव के तौर पर छह महीने का सेवा विस्तार दे दिया है। पांडे को सेवा विस्तार देने के बाद राज्य के कई अफसरों के मुख्य सचिव बनने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

Yogi government extended six months service in Uttar Pradesh after several scheme implemented in state

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मौजूदा मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडे को मुख्य सचिव के तौर पर छह महीने का सेवा विस्तार दे दिया है। पांडे को सेवा विस्तार देने के बाद राज्य के कई अफसरों के मुख्य सचिव बनने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। पांडे मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं और योगी के भरोसेमंद अफसरों में शुमार हैं। पांडे के सेवा विस्तार के बाद कई अफसर बगैर मुख्य सचिव बने ही रिटायर्ड हो जाएंगे।

पिछले साल राजीव कुमार के रिटायर्ड होने के बाद डॉ. अनूप चंद्र पांडे को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। पांडे की नियुक्त कई अफसरों की दावेदारी दरकिनार कर की गयी थी। राज्य में पांडे वरिष्ठ करीब छह अफसर हैंऔर इसमें प्रवीर कुमार सबसे वरिष्ठ हैं। लेकिन योगी सरकार ने 1984 बैच के आईएएस अनूप चंद्र पांडे को नियुक्त किया। जिसके कारण ज्यादातर अफसरों को सचिवालय से बाहर नियुक्त किया गया।

नियमों के मुताबिक जूनियर अफसर के मुख्य सचिव नियुक्त हो जाने के बाद वरिष्ठ अफसरों को सचिवालय से बाहर नियुक्त किया जाता है। फिलहाल राज्य के ज्यादातर नौकरशाह इस बात की उम्मीद कर रहे थे कि पांडे को राज्य सरकार सेवा विस्तार नहीं देगी, क्योंकि राजीव कुमार के मुख्य सचिव को सेवा विस्तार नहीं दिया गया। लेकिन योगी सरकार ने केन्द्र सरकार से अनुमति लेकर पांडे को सेवा विस्तार दिया।

पांडे आगामी 31 अगस्त, 2019 तक सूबे के मुख्य सचिव बने रहेंगे। केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव को 6 महीने का सेवा विस्तार दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पांडे 28 फरवरी को रिटायर हो रहे थे। उनके सेवा विस्तार के लिए राज्य सरकार ने कुछ दिनों पहले ही केंद्र को प्रस्ताव भेजा था, पांडे के पास मुख्य सचिव के साथ ही अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त का भी चार्ज है।

पांडे के सेवा विस्तार को सेवा विस्तार दिए जाने के पीछे ये कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के मद्देनजर योगी सरकार प्रशासनिक मुखिया को बदलना नहीं चाहती थी। असल में प्रमुख सचिव वित्त रहते हुए पांडे ने राज्य में किसानों की कर्जमाफी की योजना को लागू किया था और उसके बाद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त रहते हुए इंवेस्टर्स समिट का आयोजन कराया था। जिसके बाद योगी सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव नियुक्त किया।

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