पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए योगी सरकार ने खेला बढ़ा दांव, मुज्जफरनगर दंगों से जुड़े केस वापस लेगी सरकार

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा दांव चल दिया है। योगी सरकार ने फैसला किया है कि वह मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 38 केस वापस लेगी। इस फैसले के बाद 100 से ज्यादा आरोपियों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे।

Yogi Government will withdraw case from Muzaffarnagar riots case

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा दांव चल दिया है। योगी सरकार ने फैसला किया है कि वह मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 38 केस वापस लेगी। इस फैसले के बाद 100 से ज्यादा आरोपियों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे। इन आरोपियों पर दंगों के साथ डकैती, आगजनी, धार्मिक स्थल को अपवित्र करने के मामले में लगाए गए हैं।

राज्य की पिछली सपा सरकार के दौरान मुज्जफरनगर में दंगे हुए थे। जिसमें कई लोगों की जान गयी थी। ये दंगे दो संप्रदाय के बीच हुए थे और कई लोग इन दंगों से प्रभावित हुए थे। तत्कालीन सपा सरकार ने इस दौरान कई लोगों पर मुकद्मे दर्ज किए थे। उस वक्त भाजपा का विधायक संजीव बालियान ने सपा सरकार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने हिंदुओं पर ज्यादातर मुकद्मे दर्ज किए हैं। इसके बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिम उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद राज्य में 2017 में भाजपा की सरकार बनी।

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तभी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा के नेताओं ने राज्य सरकार पर उनके ऊपर लगे केसों को वापस लेने का दबाव बनाया हुआ था। पिछले साल लखनऊ में भाजपा सांसद संजीव बालियान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर हिन्दुओं पर दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने तत्कालीन सपा सरकार पर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार के दौरान एसआईटी ने प्रभावशाली और अमीर लोगों को क्लीनचिट दे दी और गरीब लोगों को फंसा दिया।

खासतौर से हिंदुओं को सपा सरकार प्रताड़ित किया था। आज इस मामले में राज्य सरकार के फैसले के बाद बालियान ने कहा कि हिंदू होना अपराध नहीं है, मैं मुख्यमंत्री का शुक्रगुजार हूं। जो उन्होंने पीडित लोगों से केस वापस लेकर उन्हें राहत दी है। इन मुकदमों को वापस लेने की संस्तुति रिपोर्ट 29 जनवरी को मुज़फ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को भेजी गई है, जिसमें राज्यपाल की सिफारिश का जिक्र किया गया है। सरकार ने 2013 में छह पुलिस थानों पर दर्ज 119 मामलों की वापसी को लेकर सुझाव मांगा था। पिछले हफ्ते ही स्पेशल सेक्रेटरी जेपी सिंह और अंडर सेक्रेटरी अरुण कुमार राय द्वारा तैयार पत्र को मुजफ्फरनगर जिला मजिस्ट्रेट को भेजा जा चुका है।

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