आम तौर पर पर जेड-प्लस सुरक्षा व्यवस्था से घिरे रहने वाले यूपी के सीएम आदित्यनाथ 17 नवंबर को मोटरसायकिल की सवारी करते हुए दिखेंगे। सिर्फ वही नहीं उनके दोनों उप-मुख्यमंत्री केशव मौर्य और दिनेश मिश्रा भी मोटरसायकिल पर उनका साथ देंगे। जानिए क्यों-
यूपी में पिछली बार के लोकसभा चुनाव वाला प्रदर्शन दोहराना बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई योजना बनाई है।
बीजेपी के चुनावी अभियान को मजबूती देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकार के सभी मंत्री 17 नवंबर को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मोटरसाइकल चलाकर कमल संदेश यात्रा निकालेंगे।
बीजेपी नेताओं का लक्ष्य है कि 17 नवंबर को सभी जिलों में एक साथ करीब आठ लाख मोटरसाइकलें सड़क पर हों। अभियान में मुख्यमंत्री योगी वाराणसी में तो उप- मुख्यमंत्री केशव मौर्य प्रयागराज और डॉ. दिनेश शर्मा लखनऊ में मोटरसाइकल चलाएंगे।
बीजेपी की योजना है कि हर बूथ से कम से कम पांच कार्यकर्ता बाइक पर सवार होकर निकलें। बीजेपी ने प्रदेश भर में अब तक 1.62 लाख बूथ बना लिए हैं। इस हिसाब से सड़क पर मोटरसाइकलों की संख्या आठ लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। मोटरसाइकिल सवार कार्यकर्ता से कहा गया है कि वह अपने साथ एक सवार भी जरूर लेकर आए।
बीजेपी का यह भी साफ निर्देश है कि बाइक सवार के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। मुख्यमंत्री योगी और सारे मंत्रियों भी यातायात के नियमों के मुताबिक हेलमेट पहनकर ही मोटरसायकिल चलाएंगे।
सभी बाइक सवार एक ही जगह इकट्ठा होंगे और वहां से बाइक रैली निकलेगी। यह रैली कम से कम 6-7 किलोमीटर का फासला तय करेगी। इस दौरान कोई भी चौपहिया वाहन रैली में नहीं चलेगा। अगर रैली में कोई लाउडस्पीकर लेकर भी चलना चाहता है तो वह भी बाइक पर ही इसे लगाकर आएगा। जिन स्थलों से बाइक रैली निकलेगी, वहां रास्ते में महापुरुषों के चित्र लगाए जाएंगे। पूरे रास्ते पर स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा।