जानें कैसे भारतीय स्टार्टअप्स ने 55 सेक्टर्स में 16.6 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा कीं। आईटी, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर और रिन्यूवेबल एनर्जी जैसे क्षेत्रों में रोजगार बढ़ने के साथ, टियर 2 और टियर 3 शहरों और महिलाओं की आत्मनिर्भरता पर क्या असर पड़ा।
नई दिल्ली। भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम न केवल देश की इकोनॉमी को मजबूत बना रहा है, बल्कि इम्पलॉयमेंट के मौके भी उपलब्ध करा रहा है। स्टार्टअप इंडिया इनिशिएटिव के तहत 2016 से लेकर अब तक 55 से अधिक उद्योगों में 16.6 लाख से अधिक जॉब के अवसर क्रिएट किए गए हैं। यह नौकरियां सिर्फ टेक्नोलॉजी सेक्टर तक ही सीमित नही है, बल्कि इसमें एग्रीकल्चर, हेल्थ और रिन्यूवेबल एनर्जी जैसे ट्रेडिशनल सेक्टर्स भी शामिल हैं।
सबसे ज्यादा रोजगार आईटी सेक्टर में
2016 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की गई थी। ताकि देश में एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार हो, जो इनोवेशन को बढ़ावा दे। स्टार्टअप्स के जरिए रोजगार के मौक बढ़े और भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़े। जॉब के सबसे ज्यादा मौके आईटी सेक्टर में बढ़ें, इस सेक्टर में कुल 2,04,119 लोगों को नौकरियां मिलीं। हेल्थकेयर में 1,47,639 और एजूकेशन में 90,414 लोगों को जॉब मिलें।
टियर 2 और टियर 3 शहरों में रोजगार अवसर बढ़ें
आईटी सेक्टर और हेल्थ सेक्टर के स्टार्टअप्स ने सबसे अधिक रोजगार दिए हैं। साथ ही, कृषि और निर्माण क्षेत्र भी तेजी से उभर रहे हैं। ये क्षेत्र न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं, बल्कि इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा दे रहे हैं। स्टार्टअप्स ने टियर 2 और टियर 3 शहरों में रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। छोटे शहरों और गांवों में स्टार्टअप्स के माध्यम से स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर लोगों को सशक्त बनाया जा रहा है।
महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
नवीकरणीय ऊर्जा और फाइनेंस टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स में भी नौकरियां तेजी से बढ़ी हैं। महिला उद्यमी अब स्टार्टअप्स के जरिए आत्मनिर्भर बन रही हैं। सरकार की योजनाएं और पहल महिलाओं को उनके व्यवसाय स्थापित करने में सहायता करती हैं। सरकार ने टियर 2 और टियर 3 शहरों में जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग स्टार्टअप्स के फायदे समझ सकें।
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