अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) ने समुद्र क्षेत्र में बहादुरी के लिए 2024 पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। उसमें भारतीय जहाज के कैप्टन ओर क्रू मेंबर्स को असाधारण बहादुरी के लिए पुरस्कृत किया। साथ ही बीती 10 जुलाई को कैप्टन अविनाश रावत और ऑयल टैंकर मार्लिन लुआंडा के चालक दल की असाधारण बहादुरी की तारीफ भी की है।
नयी दिल्ली। भारत के जहाजों के चालक दल अक्सर समुद्र में खतरों से निपटते हैं। ऐसा ही एक मामले में अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) ने भारतीय जहाज के कैप्टन और क्रू मेंबर्स को सम्मानित किया है। आईएमओ ने यह पुरस्कार समुद्री क्षेत्र में बहादुरी के लिए दिया है, जो कैप्टन अविनाश रावत और आयल टैंकर मार्लिन लुआंडा के चालक दल को 10 जुलाई को अपनी कार्यवाही के लिए दिया गया। आईएमओ ने उनके असाधारण बहादुरी की सराहना भी की है।
क्या है मामला?
दरअसल, लाल सागर में परिवहन के दौरान ईरानी समर्थित हौथी विद्रोहियों ने हमला कर दिया। जहाज पर बैलिस्टिक मिसाइल चलाई। उस दौरान जहाज पर खतरनाक माल था। जहाज के कैप्टन समेत अन्य क्रू मेंबर्स ने आग बुझाने के साथ पतवार दरार को भी सील किया। कर्मियों ने उपकरणों का प्रभावी उपयोग किया और जान बचाने के साथ एक गंभीर समुद्री पॉल्यूशन की घटना पर रोक लगाई थी।
क्रू मेंबर्स ने हिम्मत से लिया काम, टला खतरा
जहाज पर मौजूद चालक दल ने खतरे को टालने के लिए अथक प्रयास किए। नौसेना बल ने भी सहायता की। उस समय सबसे अहम जहाज को बचाना था। जिससे संभावित पर्यावरणी आपदा को रोका जा सके। साथ ही चालक दल की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना था। जिसमें जहाज के कैप्टन और क्रू मेंबर्स ने हिम्मत से काम लिया और अपने सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टाल दिया।
कैप्टन ब्रिजेश नांबियार को भी सम्मान
कैप्टन ब्रिजेश नांबियार और भारतीय नौसेना जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम के चालक दल भी अग्निशमन के प्रयास में शामिल हुए थे। उनके इसे साहस की भी आईएमओ ने सराहना की है और साहस और संकल्प के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। आईएमओ का वार्षिक् पुरस्कार समारोह आईएमओ मुख्यालय लंदन में आयोजित होगा। यह समारोह समुद्री सुरक्षा समिति के 109वें सत्र के दौरान 2 दिसंबर 2024 को आयोजित किया जाएगा।
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