भारत की संकटग्रस्त नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए Devrishi ने Sadanira Project की शुरुआत की है। यह अभियान पारंपरिक ज्ञान, वैज्ञानिक अनुसंधान और जनसहभागिता के माध्यम से नदियों को सांस्कृतिक पहचान के रूप में पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। इसमें डॉक्यूमेंट्री, गीत, पुस्तक और शैक्षिक सामग्री के माध्यम से जनजागरूकता फैलाई जा रही है।
नई दिल्ली, मई 15: भारत की नदियों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से दार्शनिक और आध्यात्मिक शोधकर्ता Devrishi ने Sadanira Project की शुरुआत की है। यह राष्ट्रव्यापी अभियान Sanatan Wisdom Foundation के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है और इसका उद्देश्य है – पारंपरिक ज्ञान, वैज्ञानिक अनुसंधान और जनसहभागिता के माध्यम से भारत की संकटग्रस्त नदियों का पुनरुद्धार।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की 70% से अधिक नदियाँ प्रदूषित हैं और 275 से अधिक नदियाँ व उनकी सहायक धाराएँ मौसमी या अवनति की स्थिति में हैं। यमुना, गोमती, साबरमती, घग्घर, क्षिप्रा और मुसी जैसी नदियाँ विशेष रूप से चिंताजनक स्थिति में हैं। इस पृष्ठभूमि में Devrishi का यह प्रयास नदियों को केवल जल स्रोत के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवित सांस्कृतिक पहचान के रूप में पुनर्स्थापित करने की दिशा में है।
Sadanira Project तीन स्तंभों पर आधारित है –
परियोजना की शुरुआत एक जनजागरूकता गीत ‘Sadanira’ के विमोचन से हुई है, जिसे Bollywood Singer Shaan ने स्वर दिया है। साथ ही, फिल्म निर्माता Sadhana Pandey और Vyomkesh के साथ मिलकर 51 डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई जा रही हैं, जो आगामी विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2025) को जारी की जाएंगी।
हाइलाइट:
Devrishi और P Narahari (IAS) द्वारा सह-लेखित एक पुस्तक भी शीघ्र प्रकाशित होने वाली है, जिसमें जल नीति, परंपरा और पुनरुद्धार की दिशा में ठोस प्रस्ताव रखे गए हैं। P Narahari ने कहा, “Sadanira Project सांस्कृतिक सोच और नीति निर्माण को एक साथ जोड़ने का उदाहरण है। इसमें नदियों को सिर्फ जल स्रोत नहीं, बल्कि एक जीवंत धरोहर के रूप में प्रस्तुत किया गया है।”
परियोजना के अंतर्गत UNESCO, जल शक्ति मंत्रालय, राज्य जल विभागों और स्थानीय प्रशासन के साथ साझेदारी की योजना है। इसके अतिरिक्त, ग्राम सभाओं में संवाद, विद्यालयों में जल-नीति शिक्षा और डिजिटल अभियान जैसे #SadaniraMovement भी प्रारंभ किए जा रहे हैं।
Devrishi का मानना है कि “नदी संरक्षण केवल पर्यावरण का विषय नहीं है, यह सांस्कृतिक उत्तरदायित्व है। जब तक नदियों को उनके मूल सांस्कृतिक संदर्भ में नहीं समझा जाएगा, तब तक संरक्षण अधूरा रहेगा।”
Sadanira Project इस दिशा में एक ठोस और संगठित प्रयास है, जो केवल चर्चा नहीं, क्रियान्वयन की दिशा में कार्य कर रहा है।