DPIIT-WinZO पार्टनरशिप: भारतीय गेमिंग टैलेंट को मिलेगा इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Nov 27, 2024, 1:55 PM IST

ग्लोबल लेवल पर छाप छोड़ने को तैयार है, भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री। आप भी सोच रहे होंगे कि यह कैसे संभव है? आइए जानते हैं। 

नई दिल्ली। भारत की गेमिंग इंडस्ट्री दुनिया के सबसे ग्रोइंग सेक्टर में से एक मानी जाती है, अब यह दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ने की तैयारी में है। इस सिलसिले में इंडस्ट्री प्रमोशन, आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) और भारत की लीडिंग गेमिंग प्लेटफॉर्म WinZO के बीच एक समझौता हुआ है, जो स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स और स्टूडेंट्स को नये अवसर उपलब्ध कराएगी। जिससे न केवल गेमिंग इंडस्ट्री नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी, बल्कि भारत को एक ग्लोबल गेमिंग हब के रूप में भी स्थापित करेगी।

MoU के क्या फायदे?

DPIIT और WinZO का यह समझौता (MoU) भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री के लिए बड़ी छलांग माना जा रहा है। इसके जरिए 2,000 से अधिक स्टार्टअप्स को सपोर्ट और गाइडेंस​ मिलेगा। स्टूडेंट्स और इनोवेटर्स के लिए इंटरनेशनल अर्पाच्युनिटी उपलब्ध होगी। भारतीय गेमिंग संपत्तियों के लिए 'मेड इन इंडिया' बौद्धिक संपदा मिलेगी। इस पहल का मकसद गेमिंग और प्रौद्योगिकी में ग्लोबल मार्केट में 300 बिलियन डॉलर की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है।

इनोवेशन और स्टार्टअप को सपोर्ट 

DPIIT के संयुक्त सचिव, संजीव सिंह के अनुसार, यह साझेदारी कोडिंग, गेम डिजाइन और विकास जैसी मॉर्डन स्किल के ट्रेनिंग पर जोर देगी। इसके तहत कार्यशालाए और हैकथॉन आयोजित किए जाएंगे। जिससे नए विचारों को प्रोत्साहित किया जा सके। इनोवेशन और स्टार्टअप को सपोर्ट मिलेगा और इंडियन टैलेंट को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान दिलाई जा सकेगी। WinZO के साथ मिलकर DPIIT एक Centre of Excellence भी स्थापित करेगा, जो स्टार्टअप्स को एक लॉन्चपैड के रूप में सर्विस देगा। FDI को अट्रैक्ट करने के लिए भी काम किया जाएगा।

Talent Nurturing Program: टेक ट्रायंफ

WinZO के टेक ट्रायंफ प्रोग्राम के इंडियन वर्जन का विस्तार होगा। यह प्रोग्राम भारत के टॉप गेम डेवलपर्स को सलाह देने का मंच बनेगा, जो गेम डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (GDC) और गेम्सकॉम जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर इंडियन टैलेंट को प्रदर्शित करेगा। यूएसआईएसपीएफ की रिपोर्ट के अनुसार, 2034 तक भारत का इंटरैक्टिव मनोरंजन क्षेत्र $60 बिलियन तक पहुँच सकता है और 20 लाख से अधिक नौकरियाँ पैदा कर सकता है। यह साझेदारी भारतीय गेमिंग उद्योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में मदद करेगी। 'मेड इन इंडिया' गेमिंग प्रॉपर्टी ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार होंगी।

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