भारतीय वायु सेना के सी-17 परिवहन विमान ने कीर्तिमान रच दिया है। विमान ने स्वेदश में विकसित एक भारी प्लेटफॉर्म को एयरड्रॉप किया है, जो 22 टन से ज्यादा भार ले जा सकता है। आईएएफ ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी।
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के सी-17 परिवहन विमान ने कीर्तिमान रच दिया है। विमान ने स्वेदश में विकसित एक भारी प्लेटफॉर्म को एयरड्रॉप किया है, जो 22 टन से ज्यादा भार ले जा सकता है। आईएएफ ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी। जिसमें कहा गया है कि सी-17 से बीएमपी की रणनीतिक हवाई डिलीवरी। भारतीय सेना और एडीआरडीई के साथ मिलकर भारतीय वायुसेना के विमान ने भारी प्लेटफॉर्म को ड्रॉप किया।
भारतीय वायु सेना की शक्ति बढ़ी
इस उपलब्धि से भारतीय वायुसेना की कैपेसिटी में वृद्धि हुई है। इससे पहले भारतीय वायु सेना ने हवा से सतह तक मार करने वाले एक बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह मिसाइल 250 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है।
मिसाइल की सफल टेस्टिंग भी
रिपोर्ट्स के अनुसार, अंडमान द्वीप में पिछले सप्ताह इस मिसाइल की सक्सेसफुल टेस्टिंग की गई। Su-30 MKI फाइटर जेट द्वारा मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह वही मिसाइल है, जिससे हाल ही के दिनो में इजरायल ने ईरान पर दागकर कहर बरपाया था। चर्चा यह भी है कि इसी मिसाइल से ईरान से एस—400 सिस्टम को भी ध्वस्त कर दिया था। इस मिसाइल को रॉक्स भी कहा जाता है।
क्या है एडीआरडीई?
हवाई डिलीवरी अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान यानी एडीआरडीई एक प्रमुख रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला है। वर्तमान में रक्षा मंत्रालय आधुनिक उपकरणों के स्वदेश में विकसित करने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। मतलब हमारे सशस्त्र बल जो भी हथियार यूज करें। वह स्वदेशी तकनीकों पर आधारित हो। एडीआरडीई ने बीते महीनों 'एसिंग डेवलपमेंट ऑफ इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज विद आईडेक्स (अदिति)' योजना भी लॉन्च की थी। जिसका मकसद रक्षा प्रौद्योगिकियों में इनोवेशन को बढ़ावा देना है।
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