अहमदाबाद। साल 2010 में भीषण गर्मी की वजह से साल भर में 65 मौतें हुईं थी। उनमें सबसे ज्यादा मौतों की वजह लू थी। यह देखते हुए अहमदाबाद नगर निगम ने साल 2013 से हीट एक्शन प्लान (एचएपी) जमीन पर उतारा। उसका असर भी दिखा। पिछले दो वर्षों में शहर में हीट स्ट्रोक से मौत दर्ज नहीं हुई है। वैसे साल 2020 में हीट स्ट्रोक के 81 केस दर्ज किए गए थे। अगले साल यह संख्या 8 थी, कोई मौत नहीं हुई। हालांकि साल 2020 और 2021 में कोविड महामारी के दौरान कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। उससे पहले 2019 में हीट स्ट्रोक के 35 केस दर्ज किए गए थे। 

​अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और इंटर-एजेंसी रिस्पांस इमरजेंसी प्लान लागू 

हीट एक्शन प्लान के तहत अहमदाबाद नगर निगम के हेल्थ विंग ने एक अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और इंटर-एजेंसी रिस्पांस इमरजेंसी प्लान लागू किया। तापमान का पांच दिन पहले का डेटा प्राप्त करने के लिए अधिकारी मौसम विभाग के सम्पर्क में रहते हैं और फिर उसी आधार पर विभिन्न प्रकार के अलर्ट जारी किए जाते हैं। 43 और 45 डिग्री सेल्सियस के बीच टेम्प्रेचर के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान के लिए रेड अलर्ट का प्रावधान है। 

शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरएस कॉर्नर

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 2 वर्षों का तापमान पिछले वर्षों की तुलना में कम रहा है। नगर निगम को इस वजह से भी मृत्यु दर को शून्य करने में मदद मिली। हीट एक्शन प्लान के जरिए हीट स्ट्रोक के मामलों को कम कर मृत्यु दर को शून्य करने के लिए अन्य प्रयास भी किए जा रहे हैं। शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरएस कॉर्नर्स और आंगनवाड़ियों में ओआरएस पाउच उपलब्ध कराए गए हैं। 

ट्रैफिक पुलिस को 50,000 पाउच

अधिकारी कहते हैं कि गर्मी से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस को भी ओआरएस के 50 हजार पाउच दिए गए हैं। यूएचसी शाम 7 बजे और सार्वजनिक पार्क रात 11 बजे तक खुले रहेंगे। सामाजिक संगठनों की मदद से 400 वॉटर हट्स में पीने का पानी उपलब्ध कराने की भी योजना है। समय नगर निगम के स्कूलों के साथ आंगनवाड़ियों का समय भी परिवर्तित किया जाएगा। सुबह के समय स्कूलों में पढ़ाई की अनुमति दी जाएगी।

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