Ramlala Surya Tilak: अयोध्या में विराजमान रामलला के मस्तक पर रामनवमी के अवसर पर वैज्ञानिक दर्पण (Scientific Mirror) के जरिए सूर्य की किरणों तिलक किया। रामलला के मस्तक पर जैसे ही सूर्य की किरणों ने तिलक लगाया, पूरी मूर्ति में एक अद्भुत तेज प्रकट हो गया। करीब 4 मिनट तक रामलला के ललाट पर तिलक के रूप में सूर्य की किरणों ने शोभा बढ़ाया। पुजारियों के वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद के मध्य भगवान राम का सूर्य तिलक भव्य तरीके से हुआ। क्या आप जानते हैं कि यूपी मे भले ही यह पहली बार हुआ हो लेकिन देश के अलग-अलग ऐसे 8 मंदिर हैं, जहां स्थापित देवताओं का सूर्य तिलक (Surya Tilak) होता है।
पुजारी ने बताया कि कैसा रहा रामलला के Surya Tilak का क्षण?
Surya Tilak: श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि वैज्ञानिकों का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय और अद्भुत है। सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट जैसे ही पड़ी, वैसे ही पता चला कि सूर्यादय हो गया। त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता का वह दृश्य अब कलयुग में साकार हो रहा है।
देश के किन-किन मंदिरों में भी होता है Surya Tilak?
कैसे हो रहा है सूर्य तिलक? (Surya Tilak)
CSIR केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की की टीम ने भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, बैंगलोर के परामर्श से मंदिर की तीसरी मंजिल से गर्भगृह तक सूर्य के प्रकाश को पहुंचाने के लिए एक तंत्र विकसित किया है। गर्भगृह में सूर्य की रोशनी लाने के लिए विस्तृत संपूर्ण डिज़ाइन CBRI द्वारा विकसित किया गया है।
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