डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से भारत को मिल सकता है बड़ा फायदा। 5 प्रमुख सेक्टर (इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने, कपड़े, केमिकल और लेदर) में निर्यात बढ़ाकर भारत, चीन को सीधे टक्कर देने की तैयारी में। जानें पूरी स्ट्रेटजी।
नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद चीन के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं तो भारत के लिए अवसर के नये दरवाजे खुल रहे हैं। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान और उसके बाद कई बार कहा कि वह चीन पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएंगे। इसमें सबसे बड़ा कदम है चीन से आयात पर अधिक टैरिफ लगाना। इस फैसले से चीन के प्रोडक्ट अमेरिका में महंगे हो जाएंगे और चीनी कंपनियों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। लेकिन, जहां चीन को यह नीति बड़ा झटका देने वाली है, वहीं भारत के लिए यह "आपदा में अवसर" जैसा है। खासतौर पर फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO), इस मौके को भुनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
20 जनवरी को राष्ट्रपति का पदभार संभालने जा रहे हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप अगले महीने 20 जनवरी को आधिकारिक रूप से अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार संभालने जा रहे हैं। उन्होंने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि उनकी आर्थिक नीतियां चीन के लिए चैलेंजिंग होंगी। ट्रंप ने चीन पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात कही है।उन्होंने कहा कि यह टैरिफ न केवल चीन बल्कि मैक्सिको और कनाडा पर भी लगाया जाएगा। हालांकि, चीन को इसका सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि वहां के प्रोडक्ट पहले से ही महंगे हैं। अतिरिक्त शुल्क के कारण चीन को अमेरिका में सामान बेचने में ज्यादा कठिनाई होगी।
भारत की स्ट्रेटजी: इन 5 सेक्टर पर फोकस
यह देखते हुए FIEO ने चीन को टक्कर देने के लिए 5 प्रमुख सेक्टर चुने हैं, जिनमें अमेरिका को एक्सपोर्ट बढ़ाया जाएगा। उन 5 सेक्टर में इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने, कपड़े (टेक्सटाइल), केमिकल्स और लेदर शामिल हैं। FIEO के उपाध्यक्ष इसरार अहमद का कहना है कि हमें इस बार केवल रिएक्शन देने के बजाय एक एक्टिव स्ट्रेटजी अपनानी होगी। इन 5 सेक्टर पर फोकस कर भारत अमेरिकी मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है।
कैसे काम करेगी यह रणनीति?
इस स्ट्रेटजी को सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है। सरकार भारतीय निर्यातकों को हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है। इंडियन प्रोडक्ट्स को बेस्ट क्वालिटी और प्रतिस्पर्धी कीमतों के साथ पेश किया जाएगा ताकि वे चीनी प्रोडक्ट्स को सीधे टक्कर दे सकें। चीन पर बढ़े हुए टैरिफ से वहां के प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे, जबकि भारत के पास यह मौका होगा कि वह अमेरिका को सस्ते और हाई क्वालिटी वाले प्रोडक्ट मुहैया कराए।
GSP बहाली की मांग
FIEO ने अमेरिका में भारतीय प्रोडक्ट्स के लिए जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेस (GSP) की बहाली की मांग की है। आपको बता दें कि GSP एक कॉमर्शियल सिस्टम है, जिसके तहत अमेरिका कुछ देशों को शुल्क-मुक्त आयात की सुविधा देता है। FIEO का मानना है कि GSP के बहाल होने से भारत को लेदर, प्लास्टिक और इस्पात जैसे सेक्टर में निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।