भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए स्वदेशी युद्धपोत INS सूरत, INS नीलगिरी और पनडुब्बी INS वाग्शीर को बेड़े में शामिल किया। जानें इनकी खासियत।
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना अपनी कैपेसिटी लगातार बढ़ा रही है। जनवरी 2025 में नौसेना के बेड़े में दो स्वदेशी युद्धपोत– INS सूरत और INS नीलगिरी और एक डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन INS वाग्शीर को शामिल किया जा रहा है, जो भारतीय समुद्री शक्ति को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
पानी के अंदर दुश्मनों को मात देने को तैयार INS वाग्शीर
भारतीय नौसेना के इन नए जहाजों का रणनीतिक और ऑपरेशनल महत्व है। ये समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत बनाएंगे। INS वाग्शीर जहां पानी के अंदर दुश्मनों को मात देने के लिए तैयार है, वहीं INS सूरत और INS नीलगिरी सतह पर अचूक मारक क्षमता प्रदान करेंगे। मुंबई में इन जहाजों को नेवी के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
INS वाग्शीर: डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी
INS वाग्शीर का नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली सैंड फिश के नाम पर रखा गया है। यह शिकारी मछली अपनी गति और सटीकता के लिए जानी जाती है। INS वाग्शीर 1600 टन वजनी, अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों से लैस है। यह डीजल-इलेक्ट्रिक सिस्टम पर आधारित है, जो इसे गहरे पानी में लंबे समय तक ऑपरेट करने की कैपेसिटी प्रदान करती है। इसमें टॉरपीडो और एंटी-शिप मिसाइल जैसे हथियार शामिल हैं, जो इसे दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों को खत्म करने में सक्षम बनाते हैं। यह गश्त, निगरानी, और दुश्मन पर हमला करने जैसे कार्यों में दक्ष है। इसका स्टील्थ फीचर इसे दुश्मन की नज़रों से छिपने में मदद करता है।
INS सूरत: भारत का सबसे शक्तिशाली विध्वंसक जहाज
INS सूरत को मंझगांव डॉक्स लिमिटेड (MDL), मुंबई द्वारा निर्मित किया गया है। यह प्रोजेक्ट 15 बी के तहत विकसित चौथा और अंतिम स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है। इसका निर्माण 2021 में शुरू हुआ था। इससे पहले प्रोजेक्ट 15 बी के तहत तीन अन्य विध्वंसक जहाज–विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ, और इम्फाल को बेड़े में शामिल किया जा चुका है। INS सूरत इस सीरिज का सबसे पॉवरफुल जहाज है। INS सूरत 7400 टन वजनी और 164 मीटर लंबा है। यह हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज-रोधी मिसाइलों, और टॉरपीडो सहित मॉर्डन वेपन से लैस है। इसकी डिजाइन और स्टील्थ कैपेसिटी इसे दुश्मन की रडार पकड़ से दूर रखती हैं।
INS नीलगिरी: प्रोजेक्ट 17 ए का पहला जहाज
INS नीलगिरी प्रोजेक्ट 17 ए का पहला स्टील्थ फ्रिगेट है। इस परियोजना के तहत कुल सात जहाज बनाए जाएंगे, जिनमें से कुछ का निर्माण मंझगांव डॉक्स लिमिटेड, मुंबई और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता में हो रहा है। नीलगिरी को एडवांस स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है, जो इसे दुश्मन की रडार से छुपने में सक्षम बनाता है। यह फ्रिगेट समुद्री ऑपरेशनों में अभूतपूर्व भूमिका निभाने वाला है। INS नीलगिरी अत्याधुनिक सेंसर और वेपन सिस्टम से लैस है। इसमें सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। यह जहाज गश्त, निगरानी और अटैक के कामों को भी कुशलता से अंजाम देने में सक्षम है।
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