कौन है वो इंडियन साइंटिस्ट? जीता 2024 चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ अवार्ड, दुनिया में बढ़ाया भारत का मान

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Dec 20, 2024, 7:00 PM IST

भारतीय वैज्ञानिक माधव गाडगिल को UNEP द्वारा 2024 चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ अवार्ड से सम्मानित किया गया। पर्यावरण संरक्षण में उनके योगदान और गाडगिल रिपोर्ट के प्रभाव के बारे में जानें।

नई दिल्ली। इंडियन साइंटिस्ट माधव गाडगिल ने अपने 6 दशकों के वैज्ञानिक जीवन में इनवायरमेंटल कंजर्वेशन सेक्टर में असाधारण योगदान दिया है। उन्हें संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा 'चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ अवार्ड 2024' से सम्मानित किया गया है। यह यूएन का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान माना जाता है। उनको मिले सम्मान ने पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। 

पिता की वजह से पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति बनें संवदेनशील

माधव गाडगिल का बचपन महाराष्ट्र में बीता। अपने पिता की वजह से वह सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति संवेदनशील बनें। बचपन में वह अपने पिता के साथ जलविद्युत परियोजनाओं और वनों की कटाई जैसे मुद्दों को करीब से देखते थे। उनके पिता के एक सवाल ने गाडगिल के जीवन की दिशा तय कर दी। वह कहते थे कि क्या हमें औद्योगिक विकास की कीमत पर्यावरणीय विनाश और स्थानीय लोगों की पीड़ा के रूप में चुकानी चाहिए?

इनवायरमेंटल कंजवर्नेशन को दी नई दिशा

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में उन्होंने पारिस्थितिकी विज्ञान केंद्र (Centre for Ecological Sciences) की स्थापना की। उनकी 7 पुस्तकों और 225 से अधिक रिसर्च पेपर्स ने इनवायरमेंटल कंजर्वेशन को नई दिशा दी। गाडगिल को पद्मश्री, पद्मभूषण, टायलर पुरस्कार, और वोल्वो पर्यावरण पुरस्कार जैसे सम्मान प्राप्त हुए। गाडगिल अब ग्रामीण इलाके के युवाओं को स्मार्टफोन और नई टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रेनिंग दे रहे हैं।

क्या है माधव गा​डगिल रिपोर्ट?

माधव गाडगिल रिपोर्ट को पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल रिपोर्ट के रूप में जाना जाता है। पारिस्थितिकीविद् माधव गाडगिल के नेतृत्व वाली एक समिति ने भारत के पश्चिमी घाट क्षेत्र का एक पर्यावरणीय मूल्यांकन किया था। इसमें बढ़ते औद्योगिकरण और वनों की कटाई के खतरों को उजागर किया गया। रिपोर्ट में पश्चिमी घाट क्षेत्र को संवेदनशील क्षेत्रों में बांटने और विकास को इको फ्रेंडली बनाने की सिफारिश की गई थी। भारत के पहले बायोस्फ़ीयर रिज़र्व की स्थापना में गाडगिल की प्रमुख भूमिका रही। उन्होंने वनवासियों, मछुआरों और किसानों के साथ मिलकर पारिस्थितिकी संरक्षण का मॉडल तैयार किया।

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