कौन हैं वो तीन भारतीय मूल के शख्स? जो ऑक्सफोर्ड चांसलर पद की रेस में, पाकिस्तान का ये दिग्गज बाहर

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Oct 17, 2024, 9:34 PM IST
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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चांसलर पद की दौड़ में भारतीय मूल के तीन प्रमुख उम्मीदवार-अंकुर शिव भंडारी, निरपाल सिंह पॉल भंगल, और प्रतीक तरवाडी शामिल हैं, जबकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रेस से बाहर कर दिया गया है।

Oxford University Chancellor: दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जल्द ही अपना नया चांसलर चुनने जा रही है, सेलेक्शन प्रॉसेस तेजी से चल रहा है, जिसमें दुनिया भर से दिग्गज उम्मीदवार हिस्सा ले रहे हैं। हाल ही में घोषित 38 फाइनलिस्ट की सूची में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को शामिल नहीं किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस दौड़ में भारतीय मूल के 3 उम्मीदवार अंकुर शिव भंडारी, निरपाल सिंह पॉल भंगल और प्रतीक तरवाडी शामिल हैं, जिनकी ग्लोबल लेवल पर चर्चा में है। आइए उनके बारे में जानते हैं।

1. अंकुर शिव भंडारी

अंकुर शिव भंडारी भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं, जो बर्कशायर के ब्रैकनेल फ़ॉरेस्ट में मेयर बने। वह 2022-23 में इस पद पर रहें। 50 से अधिक देशों तक उनकी अकादमिक और प्रोफेशनल जर्नी रही है। उनके अनुसार, वह अंतर-सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने और शिक्षा की क्वालिटी में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। कई लैंग्वेज के जानकार हैं और उनकी नेतृत्व की योग्यता उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।

2. निरपाल सिंह पॉल भंगल

निरपाल सिंह पॉल भंगल एक इंटरनेशनल ऑन्त्रेप्रिन्योरिशप के प्रोफेसर हैं और एक सफल बिजनेसमैन और पॉलिटिकल एक्टिविस्ट भी हैं। वह कंजर्वेटिव पार्टी एसोसिएशन ऑफ कैमडेन के ब्लूम्सबरी के अध्यक्ष हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ उनका रिश्ता पुराना है। उन्होंने वहां कई छात्रों को ट्रेनिंग दी और 'ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-द अनटोल्ड स्टोरी' नाम की एक फिल्म भी बनाई। उनके एकेडमिक बैकग्राउंड और सोशल इंफ्लूएंस ने उन्हें एक मजबूत दावेदार बना दिया है।

3. प्रतीक तरवाडी

प्रतीक तरवाडी मेडिकल क्षेत्र में एक प्रमुख नाम हैं। उन्होंने फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी में मास्टर्स किया है और फॉरेंसिक ओडोन्टोलॉजी में पीएचडी भी हासिल की है। प्रतीक के पास हेल्थकेयर सर्विसेज में एमबीए की डिग्री भी है, जो उन्हें मेडिकल संस्थानों के प्रबंधन में विशेष बनाती है। उन्होंने अपने 17 साल के करियर में हेल्थकेयर में कई इनोवेशन किए हैं और अपने क्षेत्र में एक अग्रणी व्यक्ति माने जाते हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की स्वास्थ्य सेवाओं और संबंधित अनुसंधान को नई दिशा दे सकते हैं।

इमरान खान को क्यों किया गया बाहर?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर पद की रेस में शामिल नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय ने उन्हें अयोग्य करार दिया, जिसके बाद वह फाइनलिस्ट की सूची से बाहर हो गए। इसके पीछे के कारण स्पष्ट नहीं किए गए हैं, लेकिन यह निर्णय ऑक्सफोर्ड के नियमों और प्रक्रिया के अनुसार लिया गया है।

कौन बनेगा लॉर्ड पैटन का उत्तराधिकारी?

वर्तमान में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर लॉर्ड पैटन हैं, जो 21 साल से इस पद पर हैं। ट्रिनिटी टर्म 2024 के अंत में वह इस पद से रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद विश्वविद्यालय का भविष्य तय करने के लिए नए चांसलर की तलाश की जा रही है। इस बार की चयन प्रक्रिया विशेष है क्योंकि नए चांसलर का कार्यकाल 10 साल का होगा, जिसे विश्वविद्यालय के हालिया कानूनों के तहत निर्धारित किया गया है।

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