IAF के सुदर्शन एस-400 का दम...मार गिराए दुश्मनों के 80 प्रतिशत विमान, बाकि ने छोड़ा मैदान

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Jul 27, 2024, 7:36 PM IST
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सुदर्शन एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली ने हाल ही में एक सैन्य अभ्यास में दुश्मन के 80% लड़ाकू विमानों को मार गिराया और अन्य को पीछे हटने पर मजबूर किया। जानें भारतीय वायु सेना के एस-400 स्क्वाड्रन के बारे में।

Sudarshan s 400 Air Defense Missile System: भारतीय वायु सेना के सुदर्शन एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने हाल ही में एक वॉर प्रैक्टिस में शानदार सफलता प्राप्त की है। इस सिस्टम में दुश्मन के 80 प्रतिशत से अधिक लड़ाकू विमानों को मार गिराया और बाकी विमानों को मिशन अबॉर्ट कर पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। एक विशेष थिएटर लेवल की वॉर प्रैक्टिस में एस-400 सिस्टम के एक स्क्वाड्रन को तैनात किया गया था। यह अभ्यास वायु रक्षा प्रणाली के पूरी तरह से एकीकरण को दर्शाने के लिए किया गया था।

सुदर्शन एस-400 ने दुश्मन का मिशन किया फेल

अभ्यास के दौरान एयरफोर्स के विमानों ने बतौर दुश्मन उड़ान भरकर एस-400 ​एयर डिफेंस सिस्टम की कैपेसिटी का परीक्षण किया। उस दरम्यान, एस-400 ने अपने टॉरगेट को लॉक कर लगभग 80 प्रतिशत विमानों पर सटीक निशाना साधा। देश की सीमा में अन्य विमानों को प्रवेश करने से रोककर दुश्मन का मिशन फेल कर दिया। भारत ने यह एयर ​डिफेंस सिस्टम रूस से प्राप्त किया है। भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र पर इसका नाम रखा गया है। यह सिस्टम 400 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट को डिटेक्ट कर सकता है और काउंटर अटैक कर उसे तबाह भी करने की क्षमता रखता है। 

वायु सेना की ताकत बने एस-400 के तीन स्क्वाड्रन

भारतीय वायु सेना ने अब तक एस-400 प्रणाली के तीन स्क्वाड्रन पूरी तरह से एकीकृत कर लिए हैं। 2026 तक दो और स्क्वाड्रन की आपूर्ति की उम्मीद है। भारत ने रूस से शेष दोनों स्क्वाड्रन की आपूर्ति जल्दी करने का आग्रह किया है। एस-400 के पांच स्क्वाड्रन के लिए भारत और रूस के बीच 35,000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है।

दुनिया देखेगी भारतीय वायु सेना का दम

भारतीय वायु सेना का मानना है कि एस-400 वायु रक्षा प्रणाली उसकी रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी। हाल ही में, वायु सेना को स्वदेशी एमआर-सैम, आकाश मिसाइल प्रणाली और इस्राइली स्पाइडर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी प्राप्त हुई है, जो इस प्रणाली की प्रभावशीलता को और बढ़ाती हैं।

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