दुनिया का एयरोस्पेस कैपिटल बनेगा भारत का ये राज्य, सैटेलाइट बनाने से लेकर लॉन्चिंग तक...

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published May 23, 2024, 6:57 PM IST

भारत का तमिलनाडु राज्य दुनिया का एयरोस्पेस कैपिटल बनने की तरफ कदम बढ़ा चुका है। कई प्लेटफॉर्म तैयार किए गए हैं, जहां छोटे सैटेलाइट बनाने से लेकर लॉन्चिंग तक की सुविधा है।

नयी दिल्ली। भारत का तमिलनाडु राज्य दुनिया का एयरोस्पेस कैपिटल बनने की तरफ कदम बढ़ा चुका है। कई प्लेटफॉर्म तैयार किए गए हैं, जहां छोटे सैटेलाइट बनाने से लेकर लॉन्चिंग तक की सुविधा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाले 10 साल में स्पेस कैपिटल में 75 हजार करोड़ से ज्यादा का इंवेस्टमेंट हो सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की दिग्गज कम्पनियों में शुमार लॉकहीड मार्टिन, एयरबस, कॉलिन्स भारत के प्राइवेट स्पेस स्टार्टअप्स के साथ मिलकर छोटे सैटेलाइट बनाने का काम कर रही हैं। 

एयरोस्पेस डिफेंस सेक्टर में सुपर पॉवर बनकर उभर रहा तमिलनाडु

एयरोस्पेस डिफेंस सेक्टर में तमिलनाडु सुपर पॉवर बनकर उभर रहा है। चेन्नई से करीबन 600 किलोमीटर दूर कुलशेखरपिटनम में नया स्पेस पोर्ट बन रहा है। जिसकी लागत 950 करोड़ रुपये है। दो एयरोस्पेस पार्क और दो डिफेंस कॉरिडोर भी बनेंगे, जो उपग्रह निर्माण और प्रपल्शन प्रौद्योगिकी को समर्पित होंगे। भविष्य में कुलाशेखरपट्‌टीनम स्पेस पोर्ट से बड़े उपग्रहों को लॉन्च किया जाएगा। अग्निकुल केरोसीन फ्यूल रॉकेट पर भी काम चल रहा है, जो 300 किलोग्राम के सैटैलाइट को पृथ्वी से 700 किलोमीटर ऊपरी कक्षा में स्थापित करेगी। हाइब्रिड रॉकेट, अग्निकुल प्रिंटेड वन पीस इंजन और लिक्विड प्रपल्शन भी डेवलप किया जा रहा है। 

स्पेस सेक्टर में हुए ये डेवलपमेंट

  • अगस्त महीने में क्यूब सेट और पिको सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी है। 
  • स्पेस जोन यह लॉन्चिंग करेगी।
  • स्पेस किड्ज नाम की एक कम्पनी के पास 6 उपग्रहों का आर्डर है। 
  • स्पेस जोन और स्पेस किड्ज के पास ग्राउंड स्टेशन ओर लॉन्च पैड हैं।
  • मोबाइल सैटेलाइट लॉन्चर युक्त स्पेस जोन करिश्मा कर सकता है।
  • क्रायोजेनिक लिक्विड स्टोरेज टैंक की जांच सुविधा भी इसरो के लिक्विड प्रपल्शन सेंटर में।
  • इंडियन सैटेलाइट मार्केट में फॉरेन इंवेस्टमेंट की सीमा 100 फीसदी।

2023 तक एक ट्रिलियन डॉलर होगा मार्केट

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया भर में छोटे सैटेलाइट बनाने और लॉन्चिंग का मार्केट साल 2023 तक 1 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगा। ऐसी स्थिति में चेन्नई स्माल सैटेलाइट के एक मेंटेनेंस हब के रूप में डेवलप होगा। ऑटोमेशन की दिग्गज कंपनी रॉकवेल भी अपनी यूनिट लगने की संभावना है। वियतनाम की कम्पनी विनचिप 2 अरब डॉलर का निवेश कर सकती है।

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