A matter of pride for the country Kumar Ishwaran: भारत भूमि में प्रतिभा के जो बीज उगते हैं, उसका लोहा पूरा विश्व मानता है। ऐसे ही एक प्रतिभाशाली व्यक्ति की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है। वजह भी साफ है कि IIT कानुपर के इस पूरा छात्र ने 161 साल पुराने ऐसे मैथमेटिकल क्वेश्चन को हल करने में सफलता हासिल की है, जिसके आगे ग्लोबल लेबल पर बड़े से बड़े गणितज्ञों ने हार मान ली थी। 

77 साल की उम्र में स्टार्टअप के CEO बने डा. कुमार ईश्वरन
जी है हम बात कर रहे हैं कुमार ईश्वरन की जो एक भारतीय प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं। कुमार ईश्वरन वर्तमान में दुनिया भर के सबसे पुराने स्टार्टअप CEO में से एक हैं। IIT ग्रेजुएट कुमार ईश्वरन का CV किसी भी टेक्निकल एक्सपर्ट को प्रभावित कर सकता है। कुमार ईश्वरन पहली बार तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 161 साल पुरानी मैथ की समस्या को हल करने का दावा किया, जिसे दो दशक पहले मिलेनियम पुरस्कार समस्या घोषित किया गया था।

हैदराबाद स्थित एल्पेस AI कंपनी के CEO है डा. कुमार ईश्वरन
77 वर्षीय जीनियस कुमार ईश्वरन वर्तमान में  हैदराबाद स्थित एल्पेस AI कंपनी के CEO के रूप में AI स्टार्टअप का नेतृत्व कर रहे हैं। कुमार की AI फर्म उन्नत कंप्यूटिंग टेक्निक, पावर प्लांट इंजीनियरिंग, मॉनिटरिंग और सिस्टम मॉडलिंग के क्षेत्र में समाधान प्रदान करती है। कुमार ईश्वरन IIT कानुपर, ओहियो विश्वविद्यालय और IIT दिल्ली से पढ़े हैं।

IIT कानपुर से पढ़ाई करने वाले कुमार ईश्वरन SNIST में थे प्रोफेसर
जून 1973 में Phd पूरी करने के बाद उन्होंने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के R&D डिवीजन में अतिरिक्त महाप्रबंधक के रूप में काम करना शुरू किया। 1999 में संगठन छोड़ने के बाद उन्होंने श्रीनिधि इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (SNIST) में प्रोफेसर के रूप में काम करना शुरू किया। उन्होंने एल्टेक पावर एंड एनर्जी सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड (ALPES) के CEO बनने के लिए अपना एजूकेशनल वर्क छोड़ दिया।

बढ़ती उम्र में CEO बनने पर उत्साहित हैं कुमार ईश्वरन
TOI की रिपोर्ट के अनुसार कुमार ईश्वरन ने 77 साल में स्टार्टअप को लेकर काफी उत्साहित हैं। क्योकि वह नहीं मानते कि स्टार्टअप जगत में उनकी उम्र कोई बहुत बड़ा मुद्दा है। उम्र बढ़ने का टेक्नोलॉजी, मैथ और साइंस से निपटने की क्षमता से कोई लेना-देना नहीं है। जितना अधिक हम अपने ब्रेन पर काम करते हैं, उतना ही यह तेज़ रहता है।


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