World´s largest floating solar plant is being installed : मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर बांध पर देश और दुनिया के सबसे बड़े 600 मेगावाट के फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र में से एक के फेज-1 में 0.5 मेगावाट और 0.4 मेगावाट सोलर मॉड्यूल का पहला ब्लॉक पिछले हफ्ते लॉन्च किया गया।
World´s largest floating solar plant is being installed : मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर बांध पर देश और दुनिया के सबसे बड़े 600 मेगावाट के फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र में से एक के फेज-1 में 0.5 मेगावाट और 0.4 मेगावाट सोलर मॉड्यूल का पहला ब्लॉक पिछले हफ्ते लॉन्च किया गया। फ्लोटिंग सोलर प्लांट का पहला चरण इस साल नवंबर तक पूरा हो जाएगा। तूफान की वजह से हुए इस प्लांट के नुकसान का नर्मदा जलविद्युत विकास निगम (NHDC) ने मूल्यांकन शुरू कर दिया है, लेकिन उम्मीद है कि संयंत्र जल्द ही बिजली उत्पादन शुरू कर देगा।
Omkareshwar floating solar plant से कितना होगा बिजली का प्रोडक्शन?
World´s largest floating solar plant is being installed :ओंकारेश्वर बांध पर बनने वाले इस 600MW फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट को 2 चरणों में बनाया जा रहा है। पहले चरण में 278 MW सौर पैनलों के इंस्टालेशन का कार्य किया जाएगा। शेष को दूसरे चरण में विकसित किया जाना है। इस सोलर प्लांट के पहले चरण में 3.20 से 3.27 रुपये प्रति यूनिट की न्यूनतम कीमत पर बिजली का उत्पादन किया जाएगा। सोलर पावर स्टेशन से पैदा होने वाली टोटल बिजली MP पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा खरीदी जाएगी मंगलवार को आए भीषण तूफान की वजह से इस फ्लोटिंग प्लांट का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।
Omkareshwar floating solar plant में कितनी हुई क्षति?
नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) और मध्य प्रदेश सरकार के संयुक्त उद्यम (joint venture) ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में केलवा खुर्द में 100 मेगावाट, इंदावाड़ी में 88 मेगावाट और एखंड गांव में 90 मेगावाट क्षमता के प्लांट लगेंगे। AMP कंपनी द्वारा केलवा खुर्द गांव के पास 100 मेगावाट की परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है, जिसमें ग्रिड कनेक्शन का काम चल रहा है। हालांकि इंदावाडी संयंत्र में सौर पैनलों और अन्य उपकरणों को बड़ी क्षति हुई है।
Omkareshwar floating solar plant के जरिए कितना होगा लाभ?
सूत्रों के अनुसार ओंकारेश्वर बांध पर लगभग 12 वर्ग किमी. क्षेत्र को कवर किया जाएगा। इस संयंत्र से अपनी स्टेबलिस्ट पावर के मुकाबले लगभग 23% बिजली का उत्पादन होने की उम्मीद है। औसतन सोलर बिजली स्टेशन अपनी स्थापित क्षमता के मुकाबले 21% बिजली का उत्पादन करते हैं। मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और अध्यक्ष रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (RUMSL) संजय दुबे ने बताया कि इस परियोजना में जमीन पर स्थापित सोलर सिस्टम परियोजना की तुलना में हाई एनर्जी प्रोडक्शन और वाटर के वाष्पीकरण (evaporation) में कमी जैसे कई फायदे हैं।
Omkareshwar floating solar plant को लेकर इंस्टाग्राम पर मिले रहे भर-भर के लाइक
इसको लेकर इंस्ट्राग्राम पर एक पोस्ट ourmadhyapradesh एकाउंट से शेयर की गई है। जिसमें एक वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है कि विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में स्थापित किया जा रहा है। 600 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा के साथ समुद्री जानवरों को छाया देगा। यह प्रवासी पक्षियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगा। इसमें लोकल स्तर के युवाओं को नौकरियां भी मिलेंगी। मध्य प्रदेश सौर ऊर्जा अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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