पिच में है जान, गेंदबाजों के पास होगी कमान

By Amit shah  |  First Published Dec 13, 2018, 1:59 PM IST

पर्थ का वाका मैदान हो या नया ऑप्टस क्रिकेट स्टेडियम, यहां हवा से चीरती हुई गेंदे बल्लेबाजों के बल्ले से कम और कानों से ज्यादा बातें करती है। ऑस्ट्रेलिया के पास है भी इस विकेट लायक पूरा साज़ो-सामान है। मगर दोनें ही टीमों के तेज़ गेंदबाजों की तुलना की जाए तो भारत का हाथ थोड़ा ज्यादा उपर दिखाई दे रहा है।

पर्थ--हवांए वही है उछाल और गति भी वही है बदल गया है तो सिर्फ मैदान पर्थ के ऐतिहासिक वाका स्टेडियम और टेस्ट की नई मेजबानी कर रहे ऑप्टस स्टेडियम के बीच अंतर भले ही एक ब्रिज का हो, मगर स्वान नदी से चलने वाली हवाएं ही इस टेस्ट मैच का परिणाम तय करेगी। आप ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है और अभी तक आपका स्वागत तेज-तर्रार गेंदो से नहीं हुआ तो ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है।

एडिलेड टेस्ट में भले ही टीम इंडिया को स्पिन ट्रैक मिला हो, मगर मेजबान अब पर्थ में यह गलती दोबारा दोहराना नहीं चाहेंगे। अगर वो चाहे फ़िर भी उनके बस की बात नहीं क्योंकि पर्थ का मैदान तो माना ही जाता है तेज़ गेंदबाजों का नंदनवन। एडिलेट टेस्ट में हार से बौखलाए कांगारू अब पर्थ में असली रणनीति के साथ टीम इंडिया की बराबरी करने का प्रयास करेंगे।  

पर्थ का वाका मैदान हो या नया ऑप्टस क्रिकेट स्टेडियम, यहां हवा से चीरती हुई गेंदे बल्लेबाजों के बल्ले से कम और कानों से ज्यादा बातें करती है। ऑस्ट्रेलिया के पास है भी इस विकेट लायक पूरा साज़ो-सामान है। मगर दोनें ही टीमों के तेज़ गेंदबाजों की तुलना की जाए तो भारत का हाथ थोड़ा ज्यादा उपर दिखाई दे रहा है। स्वॉन नदी से सटे 60 हजार क्षमता वाले पर्थ के इस नए ऑप्टस स्टेडियम पर यह पहला टेस्ट मैच खेला जाना है, इस वजह से मेजबान टीम इस मैच को जीते ऐसी आस कांगारू समर्थक लगाए हुए है।

मेजबान की दिक्कतें बढ़ी

तेज़ उछाल वाली पिच को देखते हुए कोच लैंगर अपने तेज़ गेंदबाजी आक्रमण पर ज्यादा ज़ोर डालेंगे। हालांकि ऑस्ट्रेलियन पेस तिकड़ी मिशेल स्टार्क, जॉश हैज़लवुड और पैट कमिंस पहले टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों को ज्यादा परेशान नहीं कर पाए। हालांकि स्टार्क को जरूर विकेट मिले मगर ऑस्ट्रेलिया को सीरिज़ में बराबरी करनी है तो तेज़ गेंदबाद पीटर सिडेल का टीम में वापसी करना जरूरी होगा।

ऑस्ट्रेलियन कप्तान टीम पेन पूरी तरह से फ़िट है या नहीं उस पर भी अभी तक सवालिया निशान लगा हुआ है। दूसरी और भारत का तेज़ गेंदबाजी आक्रमण मेजबान टीम के मुकाबले ज्यादा खतरनाक दिखाई दे रहा है। जसप्रित बुमराह, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी ने पहले टेस्ट में विकेट बटोरे थे, मगर पर्थ में पिच के हावभाव को देखते हुए और एक अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज पर टीम इंडिया अपना दांव लगा सकती है।

तेज़ गेंदबाजो ने किया आराम

बुधवार को दोनों ही टीमों को ऑपट्स स्टेडियम पर अभ्यास करने नहीं दिया गया। टीमों ने पुराने वाका स्टेडियम पर अभ्यास किया, हालांकि यह वैकल्पिक अभ्यास सत्र था मगर लगभग कुछ खिलाड़ी छोड़ सभी ने अभ्यास में हिस्सा लिया। बुमराह, इशांत, के एल राहुल, मैदान पर तो आए थे मगर उन्होंने प्रैक्टिस नहीं की। शमी, रोहित शर्मा, पूजारा और पृथ्वी शॉ ने आराम करना पसंद किया।

प्रैक्टिस के दौरान वाका के मुख्य विकेट पर पहले विजय ने बल्लेबाजी की उसके बाद आए कप्तान कोहली उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार समेत टीम के थ्रो एक्सपर्ट रधु और नुवान फर्नान्डो बल्लेबाजों को तेज़ और बाउंसी गेंदों का अभ्यास करवा रहे थे। रहाणे और रिषभ पंत ने भी मुख्य पिच पर अभ्यास किया। कोच रवि शास्त्री बीच बीच में गेंद पर नजर रहे ऐसा कह कर बल्लेबाजों को सतर्क रहने की हिदायत देते दिखाई दिए।

ऑप्टस स्टेडियम की पिच का मिज़ाज भी तेज़ होगा। ऐसे में टीम इंडिया के लिए चौथे गेंदबाज के रूप में किसे खिलाया जाए इस पर बड़ा सवाल होगा। उमेश यादव की तेज गेंदबाजी इस मैदान और पिच को रास आती है, मगर पास ही में बहने वाली स्वान नदी से चलने वाली हवांए स्विंग गेंदबाजों को ज्यादा मददगार साबित होगी, ऐसे में भुवनेश्वर कुमार पर टीम मेनेजमेन्ट अपनी आखरी मुहर लगा सकता है।

पिच का पेंच

ऑप्टस स्टेडियम के क्यूरेटर ब्रैट सिर्पथोप ने कहां की, ‘हमने इस पिच को ज्यादा से ज्यादा तेज़ और बाउंसी बनाने का प्रयास किया है। मैच पांच दिन चलेगा या नहीं यह मुझे नहीं पता मगर गाबा (ब्रिसबन) के बाद पर्थ की पिच को हमेशा से तेज़ पिच मानी गई है। गाबा में इस बार कोई टेस्ट नहीं, यानि की सबसे ज्यादा उछाल वाली पिच बनाने का सौभाग्य हमें ही मिलना तय है।

दूसरे दिन से विकेट थोड़ा सूखा और सख्त हो जाएगा जो ज्यादा उछाल देने में समर्थ होगा। पास में ही स्वान नदी से चलने वाली हवाए स्विंग गेंदबाजों को मदद करेगी। जो टीम पहले टॉस जीतेगी वो गेंदबाजी करना पसंद करेगी। 

वहीं पूर्व गेंदबाज मिशेल जॉनसन मानते है की ‘ऑप्टस स्टेडियम में गति और उछाल में किसी भी प्रकार की रियायत नहीं है। ऑस्ट्रेलिया की सबसे तेज़ पिचों में इसका नाम शुमार है। यहां रन बटोरने के लिए बल्लेबाजों के पसीने छूट जाते है।’ पिछले फ़रवरी में जॉनसन इसी मैदान पर बिग बैश लीग में पर्थ स्कैचर्स की और से हॉबार्ट के सामने खेले थे। इस मैदान पर कंगारूओं दबदबा रहा है।
 

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