महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल ने ‘बिना शर्त’ माफी मांग ली थी। तब सीएओ के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा कि बीसीसीआई को दोनों खिलाड़ियों के करियर को खतरे में डालने की जगह उनमें सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए।
एक शो में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद टीम इंडिया से निलंबन झेल रहे क्रिकेट हार्दिक पांड्या और केएल राहुल की वापसी का रास्ता साफ हो गया है। क्रिकेट प्रशासकों की समिति ने दोनों खिलाड़ियों के ऊपर लगे अस्थायी प्रतिबंध को हटा लिया है। सीओए ने नए न्यायमित्र पीएस नरसिंहा से बात करने के बाद इन खिलाड़ियों पर जांच लंबित रहने तक लगा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया। माना जा रहा है कि दोनों ही जल्द टीम इंडिया से जुड़ सकते हैं।
बीसीसीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, 'उपरोक्त बातों को नजर में रखते हुए दोनों खिलाड़ियों पर 11 जनवरी से लगा प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से उठा लिया जाता है। इसके साथ ही आरोपों पर न्यायिक निर्णय लेने के लिए लोकपाल की नियुक्ति करने के मामले की सुनवाई भी होगी।'
पांड्या के अब न्यूजीलैंड दौरे में टीम से जुड़ने की संभावना है जबकि राहुल घरेलू क्रिकेट या भारत ए की तरफ से इंग्लैंड लायन्स के खिलाफ खेल सकते हैं। सीओए ने कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों को निलंबित करने का फैसला ‘बीसीसीआई के संविधान के नियम 46 के तहत लिया गया जो कि खिलाड़ियों के व्यवहार से संबंधित है। ’
खिलाड़ियों पर से निलंबन हटाने के लिए बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सी के खन्ना ने पहले की थी। उनका मानना था कि जांच लंबित रहने तक निलंबन हटाया जाना चाहिए।
इससे पहले, हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल ने ‘बिना शर्त’ माफी मांग ली थी। तब सीएओ के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा कि बीसीसीआई को दोनों खिलाड़ियों के करियर को खतरे में डालने की जगह उनमें सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए।
दरअसल, पांड्या ने मशहूर फिल्मकार करन जौहर के कार्यक्रम 'कॉफी विद करन' के दौरान कई महिलाओं के साथ संबंध होने का दावा किया था। उन्होंने यह भी बताया कि वह इस मामले में अपने परिजनों के साथ भी खुलकर बात करते हैं। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी पांड्या और राहुल की टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच से स्वदेश बुलाए गए दोनों खिलाड़ियों का करियर अधर में लटक गया था। विनोद राय ने कहा था कि भारतीय क्रिकेट के हित को ध्यान में रखना होगा। मैदान से बाहर दोनों खिलाड़ियों का यह आचरण निंदनीय है। मैंने मामले का पता चलने के तुरंत बाद कहा था यह मूर्खतापूर्ण है। उन्होंने कहा था, ‘यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें फटकारें, सुधारात्मक कार्रवाई करें, उन्हें गलत कामों के बारे में सचेत करें और इसकी सजा (परिणाम भुगतने) के बाद उन्हें फिर से मैदान पर उतारें।’