तीसरा वनडे पुणे में, इंडीज को हल्के में ना ले विराट की सेना

By manish masoom  |  First Published Oct 26, 2018, 3:15 PM IST

भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीसरा वनडे मुकाबला शनिवार 27 अक्टूबर को पुणे में खेला जाएगा। पहले मैच में 8 विकेट से करारी शिकस्त खाने के बाद दूसरे मैच में शानदार वापसी कर कैरेबियाई टीम ने दिखा दिया है कि उनको हल्के में लेना विराट की सेना को महंगा पड़ सकता है। 
 

नई दिल्ली- अक्टूबर के पहले हफ्ते में दोनों टीमें टेस्ट मुकाबले के लिए राजकोट में आमने-सामने थीं। कैरेबियाई टीम तीन दिन में खेत रही। दूसरा टेस्ट मैच भी पहली वेस्टी इंडीज को पहली पारी में बल्लेबाजी के अच्छे प्रदर्शन के अलावा कुछ दे ना सका, भारतीय टीम यहां भी 20 नहीं 22 रही। मुकाबला 10 विकेट से भारतीय टीम के नाम रहा।

भारतीय पिचों पर कैरेबियाई टीम की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। फिर शुरू हुए एकदिवसीय मुकाबले, पहले मैच में इंडीज की टीम ने तीन सौ का आंकड़ा पार कर लिया। गुवाहाटी में हुए इस मुकाबले में टीम के इतना बड़ा स्कोर बनाने में पिच भी मददगार रहा। मैच में शुरू से ही ऐसा लगता रहा कि पिच बड़े स्कोर के मुफीद है। बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने पिच के इस मिजाज को बिल्कुल जायज ठहराया। रोहित और कोहली ने छक्के-चौके उड़ाते बड़ी आसानी से 326 रन मारते हुए 322 का लक्ष्य हासिल कर लिया, हालांकि कोहली बढ़िया पारी खेल आउट हो चुके थे। विराट ने इस मुकाबले में इतिहास भी रचा।

दोनों टीमों का अगला मुकाबला विशाखापत्तनम में रहा। भारतीय टीम का टॉस जीत बल्लेबाजी करने का फैसला मिलाजुला रहा। भारतीय बल्लेबाजी के दौरान समीक्षक यह कहते रहे कि यहां 280 से ऊपर का टारगेट बढ़िया रहेगा। यह अलग बात है विराट ने अपने बल्ले से समीक्षा से ऊपर के नतीजे दिए और भारत ने 321 रन बना लिए। लगा मैच मुट्ठी में है क्योंकि इंडीज के दोनों स्पिनरों एस्ले नर्स और देवेंद्र बिशू ने बढ़िया गेंदबाजी की थी। पहला मैच खेल रहे ओबेड मैकॉय भी खर्चीले पर प्रभावशावी रहे। उन्हें धोनी का विकेट मिला। वह धीमी गेंदों का शानदार मिश्रण कर रहे थे। वाकई लगा पिच में जान है।

बात पलटती तब दिखी जब हेमराज चंद्रपॉल और कायरॉन पॉवेल लक्ष्य हासिल करने के लिए मैदान पर उतरे। दोनों बहुत सफल तो नहीं रहे लेकिन संक्षिप्त पारी में ही उन्होंने बताया कि मैच के लिए इंडीज टीम अलग इरादे से आई है। उसके बल्लेबाज डरे नहीं। कुलदीप यादव की गेंदबाजी से दो शुरुआती बल्लेबाज आउट तो हुए लेकिन उनपर हमला करना नहीं छोड़ा। उन्हें मार पड़ती रही। मध्यक्रम में शिमरन हेटमायर और साई होप बढ़िया साझेदारी की। यहीं से मैच भारत के हाथ से फिसल गया था। हेटमायर आउट तो हो गए लेकिन इससे पहले उन्होंने रिक्वायर्ड रन रेट को पूरी तरह से काबू में ला दिया था। साई होप डटे रहे। चूंकी प्रति ओवर रनों की आवश्यक्ता बहुत बड़ी नहीं थी, ऐसे में उनपर दबाव भी कम था।

इसके बाद तारीफ  करनी होगी भारतीय स्पीनरों की और मोहम्मद शमी की जो विपरीत हालात से वो भारत को मैच में वापस लाए। हारा हुआ मैच भारत जीत रहा था लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल जो ठहरा, खेल ने करवट ली, मुकाबला ड्रॉ हुआ। 

मैच में इंडीज टीम का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। भारतीय टीम की तरफ से कमियां रहीं, वहीं जो अक्सर  देखने को मिलती है विरोधी टीम को हल्के में लेना। वरना जो स्पिनर मैच के फिसलने की स्थिति में कसावट दिखाने लगे वो इंडीज की पारी के शुरुआती ओवरों में हल्के क्यों रहे।

तीसरे मुकाबले में भारतीय टीम एक बार फिर अपने भारी-भरकम प्रतिष्ठा के साथ उतरेगी। सामने वही टीम होगी जो टेस्ट मैचों में तो हल्की रही लेकिन एकदिवसीय मुकाबलों में उसका रंग-ढंग बदल गया है। टी-20 मुकाबलों के बाद क्रिकेट बदला है। खास तौर पर निश्चित ओवरों के मुकाबलों में कोई टीम बहुत कमजोर नहीं रह जाती (इसमें वनडे मुकाबले भी शामिल हैं)। टीम इंडिया को अति आत्मविश्वास से बचना होगा क्योंकि वेस्ट इंडीज के पास कायरॉन पॉवेल, शिमरन हेटमायर, साई होप जैसे मैच जीताऊ बल्लेबाज हैं तो जेसन होल्डर, एस्ले नर्स और एबॉड मैक्कॉय जैसे मौके पर काम आने वाले गेंदबाज भी। 

भारत के लिए सबसे अच्छी बात यह कि अगले मैच में जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार की वापसी हो रही है। इन गेंदबाजों के लौटने से टीम इंडिया की गेंदबाजी मारक होगी, ऐसे में इंडीज के नवोदित बल्लेबाजों को भी वो आजादी नहीं मिलेगी जिसका लुत्फ वो पिछले दो मैचों में उठा चुके हैं।

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