भारत को आईसीसी टी-20 महिला विश्व के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार का महत्वपूर्ण कारण मिताली राज को सेमीफाइनल में नहीं खिलाना बताया जा रहा है।
भारत को आईसीसी टी-20 महिला विश्व के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार का महत्वपूर्ण कारण मिताली राज को सेमीफाइनल में नहीं खिलाना बताया जा रहा है। टीम की इस बड़ी भूल को लेकर बहस भी शुरू हो गई है। गौरतलब है कि टूर्नामेंट में भारत की सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी और अनुभवी खिलाड़ी मिताली टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वालों में से एक थीं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम मैच में बेंच में बैठने से पहले उन्होंने लगातार अर्धशतक लगाए थे।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उसी टीम के साथ खेलना, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली थी, का फैसला टीम के प्रबंधन द्वारा लिया गया था। यह फैसला यह देखकर लिया गया था कि पहले सेमीफाइनल के दौरान पिच का व्यवहार कैसे था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को हराया था।
इसके अलावा, कप्तान हरमनप्रीत कौर, उप-कप्तान स्मृति मंडाना, कोच रमेश पोवार और चयनकर्ता सुधा शाह ने भी टीम के चयन के लिए मैच से पहले मुलाकात की थी।
यह भी अफवाहें थीं कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति (सीओए) ने मिताली के फिटनेस को लेकर भारतीय टीम प्रबंधन बात की थी। क्रिकेटकंट्री वेबसाइट के मुताबिक पूर्व भारत महिला टीम की कप्तान और सीओए की सदस्य डायना एडुलजी ने इससे इनकार कर दिया है।
इसके अलावा मिताली की रिर्पोट को लेकर सीआए की होने वाली बैठक पहले मिताली, हरमनप्रीत और प्रबंधक तिरूपति भट्टाचार्य के बीच होने वाली थी, लेकिन अब यह केवल बीसीसीआई के महाप्रबंधक और महिला क्रिकेट के प्रभारी सबा करीम के बीच ही होगी।
बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जल्द ही एक बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें हरमनप्रीत, मिताली, रमेश (कोच), मैनेजर भट्टाचार्य और चयनकर्ता सुधा शाह से अलग-अलग बात करके समझाया जाएगा और मिताली विवाद के कारण के बारे में बात की जाएगी।
टीओआई की एक रिपोर्ट में भट्टाचार्य का हवाला देते हुए बताया गया है कि "मैनेजर के रूप में मैंने बैठक बुलाई। उन्होंने कप्तान, कोच और चयनकर्ता से विकेट पर चर्चा की। जिस पर कोच ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक ही जीतने वाली टीम खेलनी चाहिए। हरमनप्रीत और स्मृति ने एक ही जैसे विचार साझा किए और चयनकर्ता सुधा शाह को यह भी बताया गया कि एक अतिरिक्त गेंदबाज टीम की मदद के लिए लगेगा।
रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया कि चयनकर्ता की तरह कोच रमेश, जो यहां एक दर्शक थे। उन्होंने हरमनप्रीत के फैसले का समर्थन किया और उनके इस कदम को लेकर किसी भी तरह की आवाज नहीं उठाई।
हरमनप्रीत ने अपना बचाव करते हुए कहा कि बात यहां मिताली का चयन न होना नहीं है। बात यहां जीत को बनाए रखने के लिए एक अच्छी टीम होने की है।
मैच के बाद कौर ने मिताली के बहिष्कार का फिर से बचाव करते हुए कहा कि हमने जो भी फैसला किया वह टीम के लिए किया था। कभी-कभी यह काम करता है, कभी-कभी यह काम नहीं करता है। इस पर कोई पछतावा नहीं होना चाहिए।
ईएसपीएन क्रिक इंफो के मुताबिक भारत के टूर्नामेंट से बाहर होने के तुरंत बाद मिताली का समर्थन करने वाले मैनेजर और फ्रीलांस स्पोर्ट्स एजेंट अनीश गुप्ता ने ट्विटर पर हरमनप्रीत और इंडियन थिंक टैंक को फटकार लगाई।
उन्होंने लिखा कि दुर्भाग्य से बीसीसीआई महिला राजनीति में विश्वास रखती है न कि खेल में। यह देखने के बाद भी कि मिताली का अनुभव क्या कर सकता है, यह चौंकाने वाला है कि वे हरमनप्रीत, जो झूठ बोलने वाली, अपरिपक्व, अपर्याप्त कप्तान (एसआईसी) हैं, के साथ गई। उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा कि हरमनप्रीत एक झूठी और धोखा देने वाली महिला हैं। बाद में इस ट्वीट को हटा दिया गया।
अनीश के ट्वीट के संदर्भ में सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा कि भारतीय महिला टीम से जुड़े लोगों द्वारा की गई टिप्पणियों को गंभीरता से लिया जायगा। मीडिया में किए गए इस तरह के बयान पूरी तरह से अनिश्चित हैं।
संयम बनाए रखने के लिए महिलाओं की टीम से जुड़े लोगों से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के पास विशेष रूप से खिलाड़ियों की वास्तविक शिकायतों के निवारण के लिए समर्पित अधिकारियों का पदानुक्रम है। यह उचित तंत्र है, जिसका उपयोग किया जाना चाहिए। भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन के कारण होने वाले मुद्दे उचित रूप से संबोधित किए जाएंगे। सभी खिलाड़ियों, टीम प्रबंधन और उनके साथ जुड़े व्यक्तियों को धैर्य बनाए रखना चाहिए और उचित प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
कई विशेषज्ञों और प्रशंसकों ने राज का इन सब में शामिल न होने पर भी सवाल उठाए थे। बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, मिताली, सबा करीम को लिखित रूप में अपने दृष्टिकोण से परिचित करा सकती हैं। वन-डे और टी-20 कप्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध भारतीय क्रिकेट बिरादरी में एक खुला रहस्य है। टीम चयन में कथित पूर्वाग्रह जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।