अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? जानें संभावित उम्मीदवारों के बारे में, जिसमें आतिशी, सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय शामिल हैं, और उनके प्रमुख योगदानों के बारे में।
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में घोषणा की है कि वह जल्द इस्तीफा देंगे और नया चुनाव कराने की मांग करेंगे। यह निर्णय आबकारी नीति भ्रष्टाचार मामले में जमानत मिलने के बाद लिया गया है। केजरीवाल ने कहा कि वह तब तक मुख्यमंत्री का पद नहीं संभालेंगे जब तक उन्हें जनता से "ईमानदारी का प्रमाणपत्र" नहीं मिल जाता।
केजरीवाल के अप्रत्याशित फैसले से उठ रहे सवाल
इस अप्रत्याशित फैसले ने दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए कई सवाल खड़े कर दिए हैं। केजरीवाल ने संकेत दिया है कि वह अगले कुछ दिनों में आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों की बैठक करेंगे और इसी बैठक में नए मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली की राजनीति में बदलाव आना तय है और कौन नया मुख्यमंत्री बनेगा, यह सभी की निगाहों में रहेगा।
मनीष सिसोदिया नहीं ये हैं तीन प्रमुख दावेदार
हैरानी की बात ये है कि नए मुख्यमंत्री के चयन की घोषणा करने के बाद दिल्ली के नए सीएम को लेकर संभावित दावेदारों की जो लिस्ट सामने आ रही है। उसमें आप के नंबर टू नेता माने जाने वाले मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है। आए जानते हैं कि कौन है वो तीन प्रमुख दावेदार, जो दिल्ली के नए सीएम हो सकते हैं।
1. आतिशी
आतिशी 2020 में दिल्ली विधानसभा के लिए चुनी गई थीं और उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह वर्तमान में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। ऑक्सफोर्ड से इतिहास में परास्नातक आतिशी राजनीति में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के ज़रिए आईं। उनकी शिक्षा के क्षेत्र में सक्रियता के कारण उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है।
2. सौरभ भारद्वाज
दिल्ली के मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को भी मुख्यमंत्री पद के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा है। वह पहले भी विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाल चुके हैं और 2015 के विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया। उनकी प्रशासनिक क्षमता और अनुभव उन्हें एक संभावित दावेदार बनाते हैं।
3. गोपाल राय
गोपाल राय वर्तमान में पर्यावरण, वन और वन्यजीव, विकास और सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है और कई महत्वपूर्ण अभियानों का हिस्सा रहे हैं। दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के फैसले को उनके मंत्रालय का श्रेय जाता है। उनकी प्रशासनिक अनुभव और सामाजिक कार्यों के कारण वे भी एक मजबूत उम्मीदवार हैं।
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