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टैक्सपेयर्स को राहत देने बजट में आ सकता है नया Tax स्लैब, यहां जानें सब कुछ

Surya Prakash Tripathi |  
Published : Jun 24, 2024, 04:06 PM ISTUpdated : Jun 24, 2024, 04:13 PM IST
टैक्सपेयर्स को राहत देने बजट में आ सकता है नया Tax स्लैब, यहां जानें सब कुछ

सार

Budget 2024: सरकार ने मिडिल क्लास फैमिली को टैक्स में कटौती के मामले में कुछ राहत देने के प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। टैक्स पेयर्स को न्यू रिलीफ देकर नए टैक्स सिस्टम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार के भीतर चर्चा शुरू हो गई है।

Budget 2024: सरकार ने मिडिल क्लास फैमिली को टैक्स में कटौती के मामले में कुछ राहत देने के प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। टैक्स पेयर्स को न्यू रिलीफ देकर नए टैक्स सिस्टम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार के भीतर चर्चा शुरू हो गई है।

न्यू टैक्स सिस्टम के तहत आ सकता है नया टैक्स स्लैब
ET Now की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नए टैक्स सिस्टम के तहत एक नया टैक्स स्लैब पेश किए जाने की संभावना है। प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स के साथ-साथ 15 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक इनकम वाले टैक्सपेयर्स को कम टैक्स के रूप में रिलीफ मिलने की उम्मीद है।

प्रॉसेस को सरल करने की उम्मीद
उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में टैक्स कटौती के अलावा प्रॉसेस सिंपलीफिकेशन से जुड़े लाभों की भी घोषणा कर सकती है। हालांकि ये चर्चाएं अभी शुरुआती स्टेप में हैं। रिपोर्ट के अनुसार अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) स्तर पर लिया जाएगा। इन चर्चाओं के शुरू होने से उम्मीद जगी है कि आगामी केंद्रीय बजट में मिडिल क्लास या सेलरीड टैक्स पेयर्स को राहत मिल सकती है।

उद्योग जगत ने इनकम टैक्स पर बोझ कम करने को कहा
भारतीय उद्योग जगत ने भी आम आदमी पर इनकम टैक्स का बोझ कम करने की वकालत की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व परामर्श के दौरान इंडस्ट्री के नेताओं और संघों ने सरकार से इनकम स्लैब के निचले स्तर पर इनकम टैक्स में राहत शामिल करने, प्रोडक्शन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) जैसी रोजगार प्रोत्साहन योजनाओं को सुव्यवस्थित करने और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने का आग्रह किया है। फिक्की की सिफारिशें कैपेक्स ड्राइव, इनोवेशन और टैक्स सरलीकरण पर केंद्रित थीं।

इस क्षेत्र को बढ़ावा देने पर दिया जोर
उद्योग जगत के नेताओं ने भारतीय इकोनॉमी की रीढ़ और मुख्य रोजगार सृजक माने जाने वाले MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है। 

 


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