प्रॉपर्टी और गोल्ड को पीछे छोड़, भारतीय अब इक्विटी में सबसे ज्यादा निवेश कर रहे हैं। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में भारतीय परिवारों की संपत्ति में सबसे बड़ा योगदान इक्विटी का है। जानिए क्यों इक्विटी बन रहा है फेवरेट इन्वेस्टमेंट।
Investment: जब लॉन्ग टर्म निवेश की बात होती है, तो अधिकतर भारतीय प्रॉपर्टी और गोल्ड में इंवेस्ट करना पसंद करते हैं। लेकिन बदलते दौर में निवेश के तरीके भी बदल रहे हैं। मॉर्गन स्टेनली की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में भारतीय परिवारों की संपत्ति बढ़ी है, और इसका सबसे बड़ा श्रेय इक्विटी को जाता है, न कि प्रॉपर्टी या गोल्ड को।
इक्विटी: भारतीयों की संपत्ति में सबसे बड़ा योगदान
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट बताती है कि पिछले 10 सालों में भारतीय परिवारों की संपत्ति में करीब 717 लाख करोड़ रुपये (8 ट्रिलियन डॉलर) की बढ़ोत्तरी हुई है। इसमें इक्विटी का योगदान 11% है। अगर कंपनी फाउंडर्स और उनकी होल्डिंग्स को शामिल किया जाए, तो संपत्ति में इक्विटी का हिस्सा 20% तक हो जाता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 10 सालों में लिस्टेड कंपनियों की मार्केट कैपिटल 1.4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 5.4 ट्रिलियन डॉलर हो गई है।
इक्विटी में निवेश क्यों बढ़ा?
पिछले 25 सालों में इक्विटी ने निवेशकों को सबसे अधिक रिटर्न्स दिए हैं। डिजिटलीकरण और फाइनेंशियल लिटरेसी बढ़ने से लोग इक्विटी को समझने लगे हैं। निवेशक अब प्रॉपर्टी और गोल्ड तक सीमित न रहकर मिसलेनियस पोर्टफोलियो बना रहे हैं।
फिर भी इक्विटी में निवेश करने वालों की संख्या कम
हालांकि इक्विटी भारतीय परिवारों की संपत्ति में बड़ा योगदान दे रहा है, लेकिन इसमें निवेश करने वालों की संख्या अभी भी बहुत कम है। केवल 3% भारतीय परिवार ही इक्विटी में निवेश करते हैं। कंपनी फाउंडर्स और उनकी होल्डिंग्स को हटा दिया जाए तो यह संख्या और भी कम हो जाती है। मॉर्गन स्टेनली के रिदम देसाई के अनुसार, आने वाले समय में इक्विटी में निवेश करने वाले भारतीय परिवारों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो सकती है। यह आंकड़ा डबल डिजिट प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इंवेस्टर्स को लंबी अवधि में प्रॉपर्टी और गोल्ड से अधिक रिटर्न, इक्विटी देता है। डायवर्सिफिकेशन कर इंवेस्टर अपने पोर्टफोलियो को संतुलित कर सकता है। जिससे इन्फ्लेशन हेज के प्रभाव से निपटने में मदद मिलती है।
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