FASTag Rules 2024: 31 अक्टूबर तक अवश्य पूरी कर लें ये प्रक्रिया वरना भरनी पड़ेगी पेनाल्टी

By Surya Prakash TripathiFirst Published Aug 2, 2024, 12:56 PM IST
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FASTag New Rules: 1 अगस्त 2024 से नए KYC नियम लागू हो गए हैं। NPCI ने फास्टैग सर्विस प्रोवाइडर्स को 31 अक्टूबर 2024 तक KYC प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। जानें पूरी जानकारी।

FASTag New Rules: 1 अगस्त 2024 से FASTag यूजर्स के लिए नए KYC (नो योर कस्टमर) नियम लागू हो गए। जिन्हें NPCI ने जारी किया है। सभी FASTag सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को 31 अक्टूबर 2024 तक 3-5 साल पहले जारी किए गए टैग के लिए KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इससे यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण हो जाता है कि आपकी KYC जानकारी अपडेट हो, ताकि सर्विस में कोई दिक्कत न आए। 5 साल से पुराने FASTag को बदलना भी अनिवार्य होगा। सभी फास्टैग को वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर से लिंक किया जाना चाहिए। सभी आवश्यक केवाईसी प्रक्रियाएं 31 अक्टूबर 2024 तक पूरी करनी होंगी।

NPCI ने कौन सी गाइडलाइन जारी की?
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने नई गाईडलाइन जारी कर दी हैं, जिसमें फास्टैग KYC के मानकों पर जोर दिया गया है, जो 1 अगस्त 2024 से लागू हो गए। NPCI ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि नए फास्टैग नियमों के तहत KYC पूरा करने की लास्ट डेट 31 अक्टूबर 2024 तय की गई है। इस डेट तक 3 से 5 साल के लिए फास्टैग लेने वाले कस्टमर्स को KYC पूरी करनी होगी।

कब तक पूरी करनी होगी फास्टैग KYC?
NPCI द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 1 अगस्त 2024 से जारी होने वाले सभी टैग को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। प्रत्येक टैग एक मोबाइल नंबर से जुड़ा होगा। जारीकर्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि मोबाइल नंबर से जुड़ी उचित केवाईसी पूरी हो। जारी किए जाने वाले प्रत्येक टैग का एक अनूठा VRN यानी वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर होगा, जो चेसिस नंबर से जुड़ा होगा। नए वाहनों के मामले में जहां VRN उपलब्ध नहीं है, वहां चेसिस नंबर अनिवार्य होगा।

नहीं कराया ये काम तो बंद हो जाएगा फास्टैग
फास्टैग यूजर्स को फिक्स टाइम लिमिट से पहले KYC प्रॉसेस पूरा कर लेना चाहिए, नहीं तो उनका टैग बंद हो सकता है। एनपीसीआई के इस कदम से देशभर में फास्टैग का इस्तेमाल और भी सुरक्षित हो जाएगा। फास्टैग लेने वालों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि 90 दिनों के भीतर VRN अपडेट हो जाए और अगर वे VRN अपडेट नहीं करवा पाते हैं तो जारीकर्ता को ऐसे टैग को हॉटलिस्ट में डालना होगा। अगर हॉटलिस्टिंग के 30 दिनों के भीतर भी वीआरएन अपडेट नहीं होता है तो जारीकर्ता इन टैग को इनएक्टिव कर सकता है। टैग की जानकारी VAHAN डेटाबेस से वेरीफाई की जाएगी या जारीकर्ता ने डेटा वेरीफाई किया होगा।

 


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