Income Tax: इनकम टैक्स विभाग को सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने होटल, लग्जरी ब्रांड्स, अस्पताल और IVF क्लीनिक जैसे सेक्टर्स में बड़े कैश ट्रांजेक्शन की जांच करने का निर्देश दिया है। जानें 2 लाख रुपये से अधिक के कैश ट्रांजेक्शन की रिपोर्टिंग का महत्व।
Income Tax: देश में प्रत्यक्ष कर प्रशासन की शीर्ष संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से होटल, लग्जरी ब्रांड की बिक्री, अस्पताल और IVF क्लीनिक जैसे बिजिनेस सेक्टर्स में बड़े पैमाने पर कैस ट्रांजेक्शन की जांच करने को कहा है। बोर्ड ने कहा कि यह चेकिंग बिना किसी अनावश्यक हस्तक्षेप के की जानी चाहिए।
सेंट्रल एक्शन प्लान में कितनी दिखी ग्रोथ?
CBDT ने टैक्स डिपार्टमेंट से बकाया मांगों की वसूली के लिए ठोस प्रयास करने को भी कहा है, जिसमें पिछले वित्त वर्ष की तुलना में हाई ग्रोथ देखी गई है। इस संबंध में बोर्ड ने हाल ही में सेंट्रल एक्शन प्लान (CAP) 2024-25 जारी की है।
2 लाख रुपये से अधिक के कैस ट्रांजेक्शन की सूचना देना क्यो है अनिवार्य?
सीनियर अफसरों के मुताबिक फाईनेंसियल इंस्टीट्यूशन द्वारा 2 लाख रुपये से अधिक के कैस ट्रांजेक्शन का खुलासा वित्तीय लेन-देन डिटेल (SFT) के माध्यम से किया जाना आवश्यक था, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा था।
हाई वैल्यू के कंजप्शन व्यय को टैक्स पेयर्स की जानकारी से करें वेरीफाई
बोर्ड ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बताया है कि ऐसी रिपोर्टों की जांच करने पर पाया गया कि इन प्रोवीजंस का व्यापक रूप से उल्लंघन किया जा रहा है। इसने आगे कहा कि हाई वैल्यू के कंजप्शन व्यय को टैक्स पेयर्स की जानकारी से वेरीफाई करने की आवश्यकता है।
कहां किया जा रहा है रूल्स का उल्लंघन?
डिपार्टमेंट ने होटल, बैंक्वेट हॉल, लग्जरी ब्रांड रिटेलर, IVF क्लीनिक, हास्पिटल, डिजाइनर कपड़ों की दुकानें और NRI कोटा मेडिकल कॉलेज सीटों की पहचान की है, जहां इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और बड़ी मात्रा में कैश ट्रांजेक्शन हो रहा है। सीबीडीटी ने टैक्स डिपार्टमेंट को ऐसे सोर्सेज की पहचान करने का निर्देश दिया और गैर-हस्तक्षेप तरीके से जानकारी मांगकर वेरीफाई कार्य किया जा सकता है।
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