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रक्षा बंधन 2024: भद्रा काल में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी, जानें क्या है इतिहास और शुभ मुहूर्त?

Surya Prakash Tripathi |  
Published : Aug 19, 2024, 10:06 AM IST
रक्षा बंधन 2024: भद्रा काल में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी, जानें क्या है इतिहास और शुभ मुहूर्त?

सार

रक्षा बंधन 2024: जानिए राखी के त्यौहार का महत्व, इतिहास और भद्रा काल के बारे में। इस साल रक्षा बंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा। जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त।

Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन, जिसे राखी का त्यौहार भी कहा जाता है, भाई-बहनों के बीच अटूट बंधन का प्रतीक है। इसे हर साल श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि, विशेष रूप से अगस्त में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। आज श्रावण मास की पूर्णिमा है। इसलिए पूरे देश में रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करती हैं और उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं। इसके साथ ही भाई-बहन तिलक लगाने, उपहार देने और मिठाइयों का आदान-प्रदान करने की परंपरा निभाते हैं। वैदिक विद्वानों का कहना है कि कि भद्रा काल ( Raksha Bandhan Bhadra Kaal) में राखी नहीं बांधनी चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है भद्रा, जिससे बचने की दी गई है सलाह।

कौन है भद्रा, क्या है इसकी मान्यता? 
सनातन धर्मावलंबियों के धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक भद्रा न्याय के देवता शनि देव की बहन यानी सूर्यदेव की पुत्री है। ऐसा कहा जाता है कि भद्रा का स्वभाव क्रोधी है। भद्रा के स्वभाव को काबू में करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया था। बताते चले कि भद्राकाल के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है,क्योकि इसके परिणाम विपरीत मिलते हैं। इसलिए भद्राकाल के समापन के बाद शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इसलिए रक्षाबंधन पर राखी नहीं बांधी जाती है।

क्यों मनाया जाता है रक्षा बंधन, क्या है इसकी हिस्ट्री?
रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ है "सुरक्षा का बंधन", जो भाई-बहनों के बीच के विशेष संबंध को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं में यह उल्लेख है कि महाभारत काल में भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र का प्रयोग करते समय अपनी उंगली काट ली थी। द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। भगवान कृष्ण द्रोपदी के इस निर्णय से बहुत  प्रभावित हुए। उसी के बाद भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को हमेशा सुरक्षित रखने का वचन दिया। यही वचन उन्होंने चीरहरण के समय निभाया, जब उन्होंने द्रौपदी को कौरवों के अपमान से बचाया।

कब से कब तक है रक्षाबंधन का शुभमुहूर्त
इस साल रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 1:30 बजे से शुरू होकर रात 9:08 बजे तक रहेगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, यह समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ रहेगा।

  1. रक्षा बंधन भद्रा समाप्ति समय- दोपहर 01:30 बजे
  2. रक्षा बंधन भद्रा पंचा- रात 09:51 बजे से 10:53 बजे तक
  3. रक्षा बंधन भद्रा मुखा- सुबह 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
  4. पूर्णिमा तिथि आरंभ - 19 अगस्त को सुबह 03:04 बजे
  5. पूर्णिमा तिथि समाप्त - 19 अगस्त को रात 11:55 बजे

अपने भाई को दे ये शुभकामनाएं
इस रक्षा बंधन पर, मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपके साथ का होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद है। आप न केवल मेरे भाई हैं, बल्कि मेरे सच्चे मित्र भी हैं, जो हर मुश्किल समय में मेरा साथ देते हैं। रक्षा बंधन की ढेरों शुभकामनाएं!

 


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