इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बच्चों की अर्निंग पर टैक्स चुकाने के जारी किए रूल्स, जाने क्या है डिटेल

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Jul 6, 2024, 3:43 PM IST

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 64 (1ए) में नाबालिग की इनकम से जुड़े नियम बताए गए हैं। रूल्स के मुताबिक, अगर कोई नाबालिग कमाता है तो उसे टैक्स नहीं देना पड़ता। उसकी इनकम उसके माता-पिता की इनकम में जोड़ दी जाती है।

Income Tax Rules For Child Income: भारत में बाल श्रम प्रतिबंधित है, लेकिन फिर भी ऐसे कई तरीके हैं जैसे कंटेंट क्रिएशन, टैलेंट शो आदि, जिनके जरिए बच्चे कानूनी तौर पर पैसे कमा सकते हैं। कई बच्चे इस तरह से पैसे भी कमा रहे हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर टैक्स स्लैब के हिसाब से बच्चों की कमाई पर इनकम टैक्स बनता है, तो क्या बच्चों को इसका पेमेंट करना होगा? जानिए इस बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का रूल्स क्या कहता है?

बच्चों की अर्निंग के क्या है रास्ते?
नाबालिग की दो तरह की इनकम हो सकती है। पहली अर्जित इनकम, जो उसने खुद अर्जित की है और दूसरी वह इनकम जो उसने नहीं अर्जित की है, लेकिन फिर भी उस पर मालिकाना हक बच्चे का है। अगर बच्चा किसी प्रतियोगिता या रियलिटी शो, सोशल मीडिया या किसी और तरीके से कमाई करता है, तो उसे उसकी अर्जित इनकम माना जाता है, लेकिन अगर बच्चे को किसी से कोई संपत्ति, जमीन, जायदाद आदि गिफ्ट में मिलती है, तो उसे उसकी अनर्जित इनकम  माना जाता है। अगर माता-पिता बच्चे के नाम पर कोई इन्वेस्ट करते हैं तो उस पर मिलने वाला ब्याज भी बच्चे की अनर्जित इनकम माना जाता है।

क्या कहता है कानून?
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 64 (1ए) में नाबालिग की इनकम से जुड़े नियम बताए गए हैं। रूल्स के मुताबिक, अगर कोई नाबालिग कमाता है तो उसे टैक्स नहीं देना पड़ता। उसकी इनकम उसके माता-पिता की इनकम में जोड़ दी जाती है। फिर माता-पिता को निर्धारित टैक्स स्लैब के अनुसार कुल इनकम पर इनकम टैक्स देना पड़ता है।

कितनी इनकम है टैक्स फ्री?
धारा 10(32) के तहत बच्चे की सालाना 1,500 रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगता। इससे अधिक की इनकम को धारा 64(1ए) के तहत माता-पिता की इनकम में जोड़ दिया जाता है।

लाॅटरी के पैसा जितने पर क्या होगा?
अगर माता-पिता दोनों कमाते हैं तो बच्चे की इनकम को दोनों की हाई इनकम की इनकम में जोड़कर करके कैलकुलेट किया जाता है। अगर कोई नाबालिग लॉटरी में पैसा जीतता है तो उस पर सीधे 30 फीसदी TDS कटेगा। फिर इस टीडीएस पर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा और 4 फीसदी सेस भी देना होगा।

माता-पिता के डायवोर्सी होने पर क्या होगा?
मान लीजिए अगर बच्चे के माता-पिता तलाकशुदा हैं तो ऐसी स्थिति में बच्चे की इनकम उस माता-पिता की इनकम में जुड़ जाती है, जिसके पास बच्चे की कस्टडी है। इसके अलावा अगर बच्चा अनाथ है तो उसे खुद ही अपना ITR दाखिल करना होगा। वहीं अगर बच्चा धारा 80U में बताई गई किसी विकलांगता से ग्रस्त है और विकलांगता 40 फीसदी से ज्यादा है तो उसकी इनकम माता-पिता की इनकम में नहीं जोड़ी जाएगी।

 


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