इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को फर्जी क्लेम से बचने की चेतावनी दी है, जिससे जुर्माना और जेल हो सकती है। जानें मुख्य फर्जीवाड़े और उनसे बचने के तरीके।
ITR Filing Alert: आज 31 जुलाई है और यह उन सभी लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट है, जिनकी इनकम का ऑडिट नहीं होता है। इसके दायरे में सभी नौकरीपेशा लोग आते हैं। लास्ट डेट से पहले करीब 6 करोड़ ITR दाखिल किए जा चुके हैं, लेकिन जल्दबाजी या हड़बड़ी में कुछ टैक्स पेयर्स टैक्स बचाने के चक्कर में कुछ बेईमानी कर रहे हैं, जिसके खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चेतावनी भी दी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स पेयर्स को चेतावनी दी है कि टैक्स बचाने के उद्देश्य से ITR में फर्जी क्लेम करना न केवल अवैध है, बल्कि कानून के तहत दंडनीय अपराध भी है और ऐसा करने से न केवल उनके रिफंड या प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है, बल्कि टैक्सपेयर्स को जुर्माना और जेल भी भुगतना पड़ सकता है।
1. खर्च का बढ़ा-चढ़ाकर बताना
IT डिपार्टमेंट ने खास तौर पर तीन तरह के फ्रॉड का जिक्र किया है, जो इस समय ITR दाखिल करने वाले टैक्स पेयर्स द्वारा की जा रही हैं। इनमें से पहला है- खर्च का बढ़ा-चढ़ाकर बताना। विभाग का कहना है कि कुछ टैक्सपेयर्स किसी खास मद पर वास्तव में खर्च की गई रकम को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं, ताकि ज्यादा टैक्स छूट मिल सके। कई लोग दवाइयों और इलाज पर खर्च की गई रकम को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं और अपने पास फर्जी बिल जमा करते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक अगर जांच के दौरान इसका खुलासा होता है तो टैक्सपेयर्स को काफी नुकसान हो सकता है।
2. बिना खर्च किए डिडक्शन पाना
दूसरा फर्जीवाड़ा भी कुछ ऐसा ही है। जांच में कई ऐसे टैक्सपेयर्स पकड़े गए हैं, जिन्होंने बिना खर्च किए टैक्स छूट पाने के लिए किसी खास मद पर कुछ भी खर्च करने का दावा किया है। बिना खर्च किए पैसे पर डिडक्शन का क्लेम करने की कोशिश करने पर निश्चित तौर पर जांच हो सकती है और जांच की वजह से टैक्स पेयर्स के रिफंड या ITR की प्रोसेसिंग में भी देरी हो सकती है। इसके अलावा अगर धोखाधड़ी का पता चलता है तो टैक्स पेयर्स को गंभीर रिजल्ट भुगतने पड़ सकते हैं।
3. वास्तविक इनकम को छिपाना
कुछ टैक्सपेयर्स ITR में अपनी वास्तविक इनकम को छिपाने की कोशिश करते पाए गए हैं। इन लोगों ने वेतन के अलावा अन्य सोर्श से होने वाली इनकम को छिपाने की कोशिश की है, ताकि उन्हें उस राशि पर टैक्स न देना पड़े। लेकिन जब भी यह कोशिश पकड़ी जाएगी, तो उन्हें न केवल बकाया टैक्स के साथ-साथ जुर्माना भी भरना पड़ेगा, बल्कि जेल भी जाना पड़ सकता है।
टैक्सपेयर्स को क्यो ध्यान रखनी चाहिए ये बातें?
तो अब ध्यान रखें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ तौर पर कहा है कि फर्जी क्लेम करना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि कानूनन दंडनीय अपराध भी है, जिसके लिए जुर्माना और जेल हो सकती है। वैसे फर्जी क्लेम्स के कारण इनकम टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग में भी एक्स्ट्रा टाइम लगता है, जिसके कारण रिफंड आदि में भी देरी होती है।
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