ITR Filing: इनकरेक्ट रिपोर्टिंग पर लग सकती है तगड़ी पेनाल्टी- बचने का ये हैं शानदार तरीका- पढ़ें डिटेल

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Jun 14, 2024, 12:44 PM IST

इनकम टैक्स पेयर्स के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि कांप्लीकेशंस से बचने के लिए फॉर्म 16/फॉर्म 16ए पर डिडेक्ट किया गया टैक्स AIS और फॉर्म 26AS पर दी गई जानकारी से मेल खाता है। अपने ITR में गलत इनकम फाइल करने पर गंभीर रिजल्ट हो सकते हैं।

Wrong Information in ITR Filing: इनकम टैक्स पेयर्स के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि कांप्लीकेशंस से बचने के लिए फॉर्म 16/फॉर्म 16ए पर डिडेक्ट किया गया टैक्स AIS और फॉर्म 26AS पर दी गई जानकारी से मेल खाता है। अपने ITR में गलत इनकम फाइल करने पर गंभीर रिजल्ट हो सकते हैं। एसेसिंग आफिसर इसे गलत रिपोर्टिंग या इनकम की कम रिपोर्टिंग के रूप में क्लासीफाई कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप  इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 270A के अनुसार, कम रिपोर्ट की गई राशि पर 50 प्रतिशत से 200 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ITR में बताई गई इनकम सटीक है।

रिवाज्ड ITR का क्या है ऑप्शन?
यदि किसी व्यक्ति को पता चलता है कि उसने गलत इनकम इन्फारमेंशन के साथ अपना ITR दाखिल किया है, तो उनके पास 31 दिसंबर 2024 तक संशोधित ITR दाखिल करने का ऑप्शन बना हुआ है। हालांकि, किसी भी तरह की इनकम कांप्लीकेंसस से बचने के लिए सही और व्यापक इनकम डिटेल के साथ मूल ITR फाइल करना हमेशा बेहतर होता है। AIS से अधूरे डेटा के साथ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने पर इनकम कम बताने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिल सकता है। 

ITR फाइलिंग में 15 जून तक वेट करने के एक्सेप्शन
ऐसे मामलों में जहां किसी व्यक्ति की इनकम से कोई  TDS नहीं काटा गया है, कोई TCS एकत्र नहीं किया गया है, और व्यक्ति के पास फाईनेंसियल ईयर 2023-24 के दौरान विभिन्न सोर्सेज से अर्जित उनकी कुल इनकम के बारे में पूरी जानकारी है, वे जून तक इंतजार किए बिना अपना दाखिल कर सकते हैं। 15 TLS एक्सपेशन सीधे इनकम डिटेल वाले उन लोगों पर लागू होता है, जो अपनी टैक्स फाइलिंग के लिए एक्स्ट्रा डिटेल या सार्टिफिकेट पर भरोसा नहीं करते हैं।

 

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