ITR दाखिल करने के लिए वेतनभोगी व्यक्तियों को 15 जून तक करना होगा इंतजार- जाने क्या है वजह?

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Jun 14, 2024, 12:18 PM IST

ITR Filing: फाईनेंसियल ईयर 2023-24 (असिस्मेंट ईयर 2024- 25) के लिए  इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने का प्रॉसेस ई-फाइलिंग इनकम टैक्स पोर्टल पर शुरू हो गया है लेकिन सेलरीड व्यक्तियों को रिटर्न फाइल करने के लिए 15 जून तक वेट करने के लिए क्यों कहा गया है।  

ITR Filing: फाईनेंसियल ईयर 2023-24 (असिस्मेंट ईयर 2024- 25) के लिए  इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने का प्रॉसेस ई-फाइलिंग इनकम टैक्स पोर्टल पर शुरू हो गया है। आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले ITR फॉर्म 1 अप्रैल को उपलब्ध कराए गए, जिससे जल्दी और सुविधाजनक टैक्स रिटर्न दाखिल करने का अवसर मिला। हालांकि सेलरीड व्यक्तियों को  रिटर्न फाइल करने के लिए 15 जून 2024 तक वेट करने के लिए क्यों कहा गया है। आईए उसकी वजह बताते हैं।

आपको 15 जून तक इंतजार क्यों करना चाहिए?
हालांकि ITR फॉर्म अप्रैल से उपलब्ध हैं, लेकिन सेलरीड व्यक्तियों के लिए 15 जून 2024 तक इंतजार करना महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उनके एनुअल  इंफार्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और फॉर्म 26 AS आमतौर पर 31 मई तक पूरी तरह से अपडेट हो जाते हैं। इसके अलावा, TDS सार्टिफिकेट आम तौर पर इस डेट के 15 दिनों के भीतर जारी कर दिए जाते हैं। अधूरी जानकारी के साथ रिटर्न फाइल करने पर अगर जानकारी छूट जाने के कारण इनकम कम बताई गई तो जुर्माना लग सकता है। इसलिए एक्योरिसी इंश्योर करने के लिए रिटर्न फाइल करने से पहले 15 जून तक इंतजार करना समझदारी है।

ईयरली फाईनेंसियल ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट फाइल करना जरूरी
बैंकों और अन्य फाईनेंशियल इंस्टीट्यूट को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ ईयरली फाईनेंसियल ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट (SFT) फाइल करना आवश्यक है। ये SFT पूरे फाईनेंसियल ईयर में टैक्सपेयर्स द्वारा किए गए मल्टीपल ट्रांजेक्शन के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करते हैं। इनमें स्टॉक, म्यूचुअल फंड, डेविडेंस, सेविंग बैंक एकाउंट से इंटरेस्ट, FD, PPF एकाउंट और क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट से इनकम शामिल है। एक बार जब ये इंस्टीट्यूट अपना एसएफटी फाइल कर देते हैं, तो AIS को एकार्डनली अपडेट किया जाता है।

AIS और फॉर्म 26AS क्या है?
एआईएस किसी व्यक्ति के फाईनेंसियल ट्रांजेक्शन का पूरा रिकॉर्ड रखता है, भले ही टैक्स डिडेक्ट किया गया हो या नहीं। इसमें कुल सेलरी इनकम डिडेक्ट किया गया और जमा किया गया टैक्स और सेविंग बैंक एकाउंट  से एश्योर्ड इंटरेस्ट जैसे डिटेल शामिल हैं, भले ही इंटरेस्ट पर कोई टैक्स नहीं दिया गया हो। फॉर्म 26AS में विदेश यात्रा और रेमिटेंसेस के लिए TCS  डिडेक्शन भी शामिल है।

सटीक टैक्स फाइलिंग सुनिश्चित करना
AIS से अधूरे डेटा के साथ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर इनकम कम बताने पर इनकम टैक्स नोटिस मिल सकता है। इनकम टैक्स रूल्स  के अनुसार TDS/TCS रिटर्न दाखिल करते समय कटौतीकर्ता को TDS/TCS सार्टिफिकेट देना होगा। टीडीएस सार्टिफिकेट जारी करने की टाइम लिमिट TDS रिटर्न दाखिल करने के 15 दिन बाद है। इसलिए इंप्लायर्स को 15 जून तक फॉर्म 16 (TDS सार्टिफिकेट) देना होगा। इसी तरह फाईनेंसियल ईयर 2023-24 के दौरान टैक्स डिडेक्सन करने वाले बैंकों, म्यूचुअल फंड या कंपनियों को इस डेट तक फॉर्म 16 A (TDS सार्टिफिकेट) जारी करना होगा। इनकम टैक्स पेयर्स के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि कांप्लीकेशंस से बचने के लिए फॉर्म 16/फॉर्म 16ए पर डिडेक्ट किया गया टैक्स AIS और फॉर्म 26AS पर दी गई जानकारी से मेल खाता है।

 


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