देश भर में कितने जन औषधि केंद्र? दवा खरीद में आम आदमी के बचे 30,000 करोड़, जानिए कैसे?

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Oct 4, 2024, 4:31 PM IST
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देशभर में 13,822 जन औषधि केंद्रों की स्थापना से आम आदमी ने दवा खरीद में 30,000 करोड़ रुपये बचाए हैं। जानें पीएम जन औषधि परियोजना का मकसद और सस्ती दवाइयों के फायदे।

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना (PMBJP) की शुरुआत 2008 में की गई थी, लेकिन इसने 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में स्पीड पकड़ी। योजना का मकसद आम जनता को सस्ती, और क्वालिटी वाली दवाइयां उपलब्ध कराना है। बाजार में दवाइयों की ऊंची कीमतों को देखते हुए, यह योजना शुरू की गई थी, जो अब आम आदमी की स्वास्थ्य संबंधी खर्चों को कम करने में मदद कर रही है।

देश में कितने जन औषधि केंद्र

30 सितंबर 2024 तक, देश भर में कुल 13,822 जन औषधि केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। यह केंद्र शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में उपलब्ध हैं, ताकि देश के हर कोने में लोगों को सस्ती और सुलभ दवाइयां मिल सकें। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक देश में कुल 25,000 जन औषधि केंद्र स्थापित किए जाएं।

कितनी दवाइयों की बिक्री

सितंबर 2024 में इन केंद्रों ने कुल 200 करोड़ रुपए की मासिक बिक्री दर्ज की, जो कि सितंबर 2023 की तुलना में 42% की वृद्धि है। यह बताता है कि जनता का जन औषधि केंद्रों पर विश्वास बढ़ रहा है। करीबन 10 लाख लोग इन केंद्रों से दवा खरीद रहे हैं। जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध दवाइयां बाजार की ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50% से 90% तक सस्ती होती हैं। मूल्य तय करने का आधार यह है कि इन दवाइयों की कीमत तीन प्रमुख ब्रांडेड दवाइयों के औसत मूल्य के अधिकतम 50% पर तय की जाती है।

कैसे गणना की जाती है बचत?

जन औषधि केंद्रों के माध्यम से मिलने वाली दवाइयों की कीमतें ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में काफी कम हैं। इस कीमत में कमी के कारण, अब तक लोगों ने लगभग 30,000 करोड़ रुपये बचाए हैं। यह बचत मुख्य रूप से उन दवाइयों के माध्यम से हुई है जो आमतौर पर लंबी बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाती हैं, जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, और अन्य सामान्य बीमारियां। उदाहरण के लिए, एक ब्रांडेड दवाई जिसकी कीमत 100 रुपये है, वही दवाई जन औषधि केंद्र पर मात्र 20 रुपये में मिलती है। इस तरह से प्रत्येक दवाई पर औसतन 80 रुपये की बचत होती है।

जन औषधि केंद्र की दवाइयां कितनी सस्ती हैं?

कुछ दवाइयों की कीमत तो ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 90% तक कम होती है। उदाहरण के लिए, एंटीबायोटिक्स या शुगर कंट्रोल दवाइयां। न केवल दवाइयां बल्कि शल्य चिकित्सा उपकरण और पौष्टिक औषधि उत्पाद भी जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध हैं, जिनकी कीमतें बाजार में मिलने वाले उत्पादों से बहुत कम हैं।

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