देश में 01 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे ये 3 नए क्रिमिनल लॉ- जाने क्या है पुलिस की तैयारी?

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Jun 17, 2024, 10:03 AM IST

देश में 3 नए अधिनियमित कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई 2024 से प्रभावी हो जाएंगे, जो आपराधिक न्याय सिस्टम में पूरी तरह से बदलाव लाएंगे। 

India 3 New Laws To Come Into Effect: 1 जुलाई 2024 वो ऐतिहासिक दिन बनने वाला है, जब देश में लागू 164 साल पुरानी IPC और CRPC के स्थान पर दिल्ली समेत पूरे देश का कानून अपनी नई ‘भाषा और परिभाषा’ गढ़ना शुरू करेगा।  पूरे देश में तीन नए अधिनियमित कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई 2024 से प्रभावी हो जाएंगे, जो आपराधिक न्याय सिस्टम में पूरी तरह से बदलाव लाएंगे। नए कानून में FIR की हेड लाइन के साथ, सेक्शन, डिजिटल, फॉरेंसिक जांच के तौर तरीके सब कुछ बदल जाएंगे।

नए BNS लॉ के लिए पिछले एक साल से पुलिसवालों को किया जा रहा ट्रेंड
तीनों नए आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता (1860), दंड प्रक्रिया संहिता (1873) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (1872) की जगह लेंगे, जिन्हें 25 दिसंबर 2023 को अधिसूचित किया गया था।  ये कानून क्रमशः ब्रिटिश कालीन दंड विधान पूरी तरह से खत्म हो जाएंग।। करीब 1 वर्ष से दिल्ली में दिल्ली पुलिस के जवानों को 4 स्थानों पर अलग-अलग फेज में न्यू लॉ एजूकेशन की ट्रेनिंग दी जा रही थी। ऐसे में पुलिस की तरफ से नए कानून BNS को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। पिछले हफ्ते से ही दिल्ली के कई थानों में नए कानून का ट्रायल भी किया गया। इस दौरान डमी FIR और उसके फारमेट पर रहर्सल शुरू कर दिया गया है।

दिल्ली पुलिस डेवलप कर रही न्यू लाॅ ऐप
दिल्ली पुलिस ने अपने लिए एक ऐप भी डेवलप करा रही है। इस ऐप के जरिए देश के नए कानून, उसकी धाराओं के अलावा भारतीय न्याय संहिता के बारे में पूरा डिटेल एक ही क्लिक पर मिल जाएगा। जिससे पुलिस वालों को किताब के पन्ने नहीं पलटने पड़ेंगे। नए कानून के साथ दिल्ली पुलिस का ये ऐप भी 01 जुलाई 2024 को ही लांच किया जाएगा।

ट्रेंड किए गए दिल्ली पुलिस के 15 हजार जवान
देश में 01 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए कानूनों के बारे में दिल्ली पुलिस अपने 15,000 जवानों को बकायदा ट्रेनिंग दी है। इस ट्रेनिंग में सभी SHO, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, ASI और हेड मोहर्रिर रैंक के पुलिस वाले शामिल है। ट्रेंड पुलिस वाले अपने अपने सर्किल, थाने और बीट के पुलिस वालों को इस नए कानून की ट्रेनिंग देंगे। इस ट्रेनिंग में नए कानून और उसके ऐप के साथ-साथ क्राइम सीन पर आडियो, विडियो रिकार्डिंग और फोटोग्राफ को सेव रखना होगा। साथ ही IO  इन सारे साक्ष्यों को सीधे ऐप पर अपलोड भी कर सकेंगे। 

आतंकवाद को भी क्राइम के रूप में किया गया लिस्टेड
दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर के मुताबिक भारत में 01 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए कानूनों के लिए हम टेक्नॉलजी एक्सपर्ट की मदद से ऐप का ट्रायल कर रहे हैं। ऐप का फोकस डिजिटल प्रूफ को बिना किसी छेड़छाड़ के सेव रखने पर है। BNS में IPC के कई कानूनों को बरकरार रखा गया है तो कईयों को बदल दिया गया है। आतंकवाद को भी एक अपराध के रूप में लिस्टेड किया गया है, इसकी वजह से पुलिस को सिर्फ UAPA पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। मॉब लिंचिंग- नस्ल, जाति, लिंग और भाषा जैसे कैटेगरी के क्राइम पर 5 या अधिक लोगों द्वारा हत्या या गंभीर चोट पहुंचाना भी अब एक सीरियस क्राइम माना जाएगा।


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