न्यू या ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने से पहले जान लें, किसके लिए कौन सी बेहतर है- रहेंगे फायदे में- नहीं होगा पछतावा

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Jun 28, 2024, 2:52 PM IST

New Vs Old Tax Regime: सेंट्रल गर्वनमेंट न्यू टैक्स व्यवस्था को आकर्षक बनाने की भी तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि नई टैक्स व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए आगामी पूर्ण बजट में कुछ बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं।  

New Vs Old Tax Regime: सेंट्रल गर्वनमेंट न्यू टैक्स व्यवस्था को आकर्षक बनाने की भी तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि नई टैक्स व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए आगामी पूर्ण बजट में कुछ बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं। पुरानी टैक्स व्यवस्था की तरह इन्वेस्टमेंट पर इनकम टैक्स में छूट दी जा सकती है। इसे लेकर हाई लेवल पर विचार-विमर्श भी चल रहा है।

क्या है न्यू टैक्स रिजीम?
टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अभी तक नई व्यवस्था में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने पर 7.5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसमें 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। इसके बावजूद लोग पुरानी व्यवस्था को ज्यादा किफायती मान रहे हैं। इसलिए सरकार नई व्यवस्था में कुछ एक्स्ट्रा छूट देने पर भी विचार कर रही है। देश में इस समय 8.18 करोड़ से अधिक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किए जा रहे हैं, जिसमें करीब 85 फीसदी लोग अभी भी पुरानी व्यवस्था के तहत ही रिटर्न दाखिल कर रहे हैं।

7 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री
गौरतलब है कि सरकार तीन साल पहले इनकम टैक्स रिटर्न के लिए न्यू टैक्स रिजीम लेकर आई थी, जिसमें 7 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया गया था। बाद में टैक्स पेयर्स को आकर्षित करने के लिए 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडेक्शन जोड़कर यह लिमिट 7.5 लाख रुपये कर दी गई, लेकिन इसके बाद भी लोग ओल्ड रिजीम को ही बेहतर मान रहे हैं।

नए और पुराने टैक्स रिजीम में कौन है बेहतर?
देश में इस समय दो तरह की टैक्स रिजीम हैं- ओल्ड और न्यू। पुरानी टैक्स रिजीम उन लोगों के लिए अच्छी है जो होम लोन की EMI भर रहे हैं या जीवन/हेल्थ इंश्योरेंस या अन्य जगह इन्वेस्ट कर रहे हैं। इसमें इनकम टैक्स धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है। वहीं नए टैक्स रिजीम उन लोगों के लिए अच्छी है जिनकी नई नौकरी लगी है और जिनके पास कोई सेविंग या लॉयबिलटी नहीं है। इसमें 7.5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं है।

ओल्ड रिजीम में इन्वेस्ट लिमिट बढ़ाने की मांग
वर्ष 2014 से केंद्र सरकार ने धारा 80C के तहत निवेश सीमा नहीं बढ़ाई है, जबकि इस दौरान लोगों की इनकम में इजाफा हुआ है। खुदरा महंगाई बढ़ने से खाद्य वस्तुओं के दाम तेजी से बढ़े हैं। इसके चलते रोजमर्रा की वस्तुओं पर खर्च बढ़ने से लोगों की सेविंग भी प्रभावित हुई है। CA विनीत राठी का कहना है कि आज के समय में 1.5 लाख रुपये के इन्वेस्ट पर टैक्स छूट की लिमिट कुछ भी नहीं है। ऐसे में 80 C के तहत इन्वेस्ट लिमिट बढ़ाकर कम से कम 2.5 लाख रुपये की जानी चाहिए।

न्यू टैक्स रिजीम का इनकम टैक्स स्लैब

  • 0-3 लाख रुपये 0%
  • 3-6 लाख रुपये 5%
  • 6-9 लाख रुपये 10%
  • 9-12 लाख रुपये 15%
  • 12-15 लाख रुपये 20%
  • 15 लाख रुपये से अधिक 30%

 

ओल्ड टैक्स रिजीम का इनकम टैक्स स्लैब

  • 0-2.5 लाख रुपये 0%
  • 2.5-5 लाख रुपये 5%
  • 5-10 लाख रुपये 20%
  • 10 लाख रुपये से अधिक 30%
     


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