PM Shri Scheme: क्या है पीएम श्री योजना? किन राज्यों ने किया इसका विरोध?

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jul 18, 2024, 1:15 PM IST

जानिए पीएम श्री योजना के बारे में, क्या है मकसद? और किन राज्यों ने मोदी सरकार की इस योजना का विरोध किया है।

Modi Govt PM Shri Scheme: मोदी सरकार की तरफ से 7 सितंबर 2022 को प्राइम मिनिस्टर स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM Shri Scheme) शुरू की गई थी। जिसका मकसद स्टूडेंट्स को हाई क्वालिटी एजूकेशन उपलब्ध कराना था। ताकि वह 21वीं सदी का कौशल सिख सके और उन्हें भविष्य के लिए तैयार भी किया जा सके। 

पीएम श्री योजना क्या है? 

पीएम श्री योजना का मकसद देश के 14,500 पुराने स्कूलों को बेहतर बनाना है। साथ ही सभी स्कूलों में शिक्षा नीति-2020 को लागू करना है। योजना के तहत सभी स्कूलों को डेवलप करने का लक्ष्य है। सेफ इनवायरमेंट मुहैया कराकर पढ़ाई करने वाले बच्चों की केयरिंग की जाएगी। पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने की भी योजना है। ताकि बच्चे अपना पूरा फोकस पढ़ाई पर कर सकें। 

5 साल में पूरा करने का लक्ष्य

योजना को साल 2022-23 से 2026-27 तक 5 वर्षों के अंतराल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए देश भर के राज्यों के अलग-अलग स्कूलों का चयन किया गया है। इन्हीं स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा। स्मार्ट क्लास की सुविधा होगी, जो दूसरे स्कूलों को भी गाइड कर सकेंगे। योजना के मुताबिक, गरीब बच्चों को स्मार्ट क्लास से कनेक्ट किया जा रहा है। 

मॉडल स्कूलों के रूप में अपग्रेड किए जाएंगे राज्य और केंद्र के स्कूल

देश के 14,500 स्कूलों को पांच वर्षों में सुधारने की योजना है। जिसके लिए 27,360 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इस योजना का सारा खर्च केंद्र सरकार उठा रही है। केंद्रीय विद्यालयों (KV) और नवोदय विद्यालयों (NV) को मॉडल स्कूलों के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। उसमें केंद्र और राज्य के संचालित स्कूल भी शामिल होंगे। योजना में केंद्र सरकार 18,128 करोड़ और राज्य सरकार 9,232 करोड़ रुपए खर्चेगी।

पीएम श्री योजना का किन राज्यों ने किया विरोध

पीएम श्री योजना का विशेषकर विपक्ष शासित सरकारों ने विरोध किया है। इस योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकारों को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौते पर सहमति देनी थी। अधिकांश राज्यों ने उस समझौते पर हस्ताक्षर किए। पर पंजाब, केरल, दिल्ली, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने आशंकाएं और आपत्तियां जताई। इस सिलसिले में केंद्र सरकार को पत्र लिखा तो केंद्र सरकार ने कड़ा रूख अपनाया। तब ये राज्य भी समझौते पर हस्ताक्षर के लिए सहमत हुए। कुछ राज्य सहमत हुए। पर पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल ने योजना को मंजूरी देने से इंकार कर दिया।

इन राज्यों का रोका गया फंड

जिन राज्यों ने पीएम श्री योजना को मंजूरी देने से इंकार किया है। केंद्र ने उस पर आपत्ति जताई और उन तीन राज्यों के प्रमुख स्कूल शिक्षा कार्यक्रम, समग्र शिक्षा अभियान (SSA) का फंड रोक दिया। जानकारी के अनुसार, फंड आवंटन को लेकर राज्यों द्वारा मुख्य फंडिंग अनुपात है, जो 60:40 है। प्रावधान के अनुसार, उसमें से केंद्र सरकार 60% और राज्य सरकार 40% खर्च करेगी।

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