PM विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण, टूलकिट प्रोत्साहन और उद्यम विकास ऋण की सुविधा मिलती है। जानें पूरी जानकारी।
PM Vishwakarma Yojana: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के गरीब और मेहनतकश वर्ग के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण योजना है PM विश्वकर्मा योजना, जिसे 17 सितंबर 2023 को लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और टेक्निकली सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें। इस योजना का एक साल 17 सितंबर 2024 को पूरा होने जा रहा है।
PM विश्वकर्मा योजना के तहत कितने प्रकार के बिजिनेस को मिलती है सहायता?
PM Vishwakarma Yojana के तहत कुल 18 प्रकार के व्यवसायों को शामिल किया गया है, जिनमें बढ़ई, नाव प्रोड्यूसर, हथियार निर्माता, लोहार, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी और चटाई निर्माता, नाई, माला निर्माता, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले शामिल हैं।
कारीगरों और शिल्पकारों को इस योजना के तहत मिलेंगे ये 5 बेनीफिट
1. पहचान: कारीगरों और शिल्पकारों को PM विश्वकर्मा सार्टिफिकेट और ID कार्ड के माध्यम से पहचान दी जाएगी।
2. कौशल उन्नयन (Skill Upgradation): उन्हें 5-7 दिनों की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिन या उससे अधिक का एडवांस ट्रेनिंग मिलेगी, जिसमें उन्हें प्रतिदिन 500 रुपये का वजीफा दिया जाएगा।
3. टूलकिट इनसेंटिव: बेसिक स्किल ट्रेनिंग के दौरान कारीगरों को ई-वाउचर के रूप में 15,000 रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन मिलेगा।
4. लोन सहायता: कारीगरों को बिना किसी जमानत के 3 लाख रुपये तक का 'उद्यम विकास ऋण' मिलेगा।
5. दो किस्तो में मिलेगा लोन: ये लोन 1 लाख और 2 लाख रुपये की दो किस्तों में 5% की रियायती ब्याज दर पर दिया जाएगा, जिसमें 18 और 30 महीने की अवधि के लिए सरकार द्वारा 8% तक की छूट दी जाएगी।
क्या है इस योजना का उद्देश्य?
इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। जिन कारीगरों ने बेसिक ट्रेनिंग पूरी कर ली है, वे 1 लाख रुपये तक के लोन सहायता की पहली किस्त प्राप्त कर सकते हैं और जिनके पास एक स्टैंडर्ड लोन एकाउंट है और जो अपने बिजिनेस में डिजिटल लेनदेन का उपयोग करते हैं, वे दूसरी किस्त के लिए पात्र होंगे।
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