प्रॉपर्टी गिफ्ट करने के आसान तरीके, जानें नियम 

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Oct 21, 2024, 5:42 PM IST
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जानें प्रॉपर्टी गिफ्ट करने के आसान तरीके और नियम। क्या आपको पता है कि बिना किसी आर्थिक लाभ के अपनी संपत्ति को कैसे गिफ्ट किया जा सकता है? अपनी संपत्ति को सही तरीके से गिफ्ट करने के लिए आवश्यक जानकारी यहां प्राप्त करें।

Property Gift Rules: आजकल प्रॉपर्टी को गिफ्ट के तौर पर देना एक आम चलन बनता जा रहा है। लोग अपनी संपत्ति अपने रिश्तेदारों, बच्चों, या प्रियजनों को गिफ्ट के रूप में देते हैं, खासकर शादी, जन्मदिन, और अन्य विशेष अवसरों पर। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रॉपर्टी गिफ्ट करना एक कानूनी प्रक्रिया है जिसे कुछ खास नियमों के तहत किया जाना जरूरी है? आइए प्रॉपर्टी गिफ्ट करने के आसान तरीके के बारे में जानते हैं।

प्रॉपर्टी गिफ्ट करने का मतलब क्या?

जब आप अपनी संपत्ति की ओनरशिप किसी और को बिना किसी आर्थिक लाभ के ट्रांसफर करते हैं, तो इसे प्रॉपर्टी गिफ्ट करना कहते हैं। यह कानूनी रूप से एक गिफ्ट डीड के माध्यम से किया जाता है, जो यह तय करती है कि संपत्ति अब दूसरे व्यक्ति की है।

किसे गिफ्ट कर सकते हैं अपनी प्रॉपर्टी?

भारत के कानून के अनुसार, आप अपनी प्रॉपर्टी किसी भी व्यक्ति को गिफ्ट कर सकते हैं, चाहे वह आपके परिवार का सदस्य हो या कोई बाहरी व्यक्ति। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि प्रॉपर्टी का गिफ्ट सिर्फ उस प्रॉपर्टी का किया जा सकता है जिसका मालिकाना हक आपके नाम पर हो।

ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट क्या कहता है?

भारत में प्रॉपर्टी गिफ्ट करने के लिए ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882 के तहत नियम बनाए गए हैं। इसके सेक्शन 122 में स्पष्ट किया गया है कि प्रॉपर्टी गिफ्ट करने का मतलब है, बिना किसी धन या लाभ के स्वामित्व का हस्तांतरण। इसे कानूनी तौर पर वैध बनाने के लिए गिफ्ट डीड का होना अनिवार्य है।

गिफ्ट डीड क्या होती है?

गिफ्ट डीड वह दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि संपत्ति को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को गिफ्ट के रूप में ट्रांसफर किया गया है। यह एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसे रजिस्ट्रार के कार्यालय में रजिस्टर्ड करवाना जरूरी होता है। उसमें गिफ्ट देने वाले (डोनर), गिफ्ट पाने वाला (डोनी), प्रॉपर्टी डिटेल और गिफ्ट एक्सेप्टेंस से जुड़ी बातें कानूनी रूप में दर्ज होती हैं।

गिफ्ट डीड का रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?

गिफ्ट डीड को सब रजिस्ट्रार के ऑफिस में रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य होता है। बिना रजिस्ट्रेशन के गिफ्ट डीड मान्य नहीं होती। रजिस्ट्रेशन के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भी चुकानी होती है। स्टांप ड्यूटी की दरें अलग-अलग राज्यों में भिन्न हो सकती हैं। अधिकांश राज्यों में यह गिफ्ट की जा रही प्रॉपर्टी की कीमत के आधार पर तय होती है।

गिफ्ट डीड में आयकर नियम

इनकम टैक्स एक्ट के तहत, अगर आप किसी रिश्तेदार को प्रॉपर्टी गिफ्ट करते हैं, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता। लेकिन अगर प्रॉपर्टी किसी बाहरी व्यक्ति को गिफ्ट की जाती है, तो कुछ विशेष परिस्थितियों में टैक्स लग सकता है। लेकिन गिफ्ट की गई प्रॉपर्टी से अगर कोई इनकम होती है तो उस पर टैक्स लग सकता है।

क्या गिफ्ट की गई प्रॉपर्टी वापस ली जा सकती है?

कानूनी रूप से गिफ्ट की गई प्रॉपर्टी वापस लेना संभव है, लेकिन केवल विशेष परिस्थितियों में। अगर गिफ्ट किसी विशेष मकसद के लिए दिया गया था और वह पूरा नहीं होता है, तो आप गिफ्ट वापस ले सकते हैं। अगर गिफ्ट डीड को रजिस्टर्ड नहीं किया गया है या स्टांप ड्यूटी नहीं चुकाई गई है, तो वह वैध नहीं मानी जाती। साथ ही, गिफ्ट देने वाला मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए, तभी वह गिफ्ट डीड वैध होगी।

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