RBI: 500 और 2000 रुपये के नोटों से जुड़ी बड़ी जानकारी, जानें यहां 

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Sep 5, 2024, 8:50 PM IST

RBI Update: जानें 500 और 2000 रुपये के नोटों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोटों के चलन से बाहर होने और 500 रुपये के नोटों की स्थिति पर ताजे आंकड़े शेयर किए हैं। 

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 500 और 2000 रुपये के नोटों से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है। 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा के बाद से अब तक बैंकों में ज्यादातर नोट वापस आ चुके हैं, लेकिन अभी भी कुछ नोट बाजार में मौजूद हैं। आइए, इस अपडेट के बारे में विस्तार से जानते हैं।

2000 रुपये के कितने नोट नहीं हुए वापस

RBI ने 2023 में 2000 रुपये के गुलाबी नोटों को चलन से बाहर करने का ऐलान किया था। इसके बाद बैंकों में इन नोटों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की गई। अब तक, लगभग 97.96% नोट वापस आ चुके हैं। लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, अभी भी करीब 7,581 करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट बाजार में बचे हुए हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े?

RBI द्वारा 1 जुलाई 2024 को शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, 7,581 करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट अभी भी बाजार में मौजूद हैं। इसका मतलब यह है कि 2.13% नोट अभी तक वापस नहीं आए हैं। जब 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया गया था, उस समय 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट बाजार में थे। हालांकि, 29 दिसंबर 2023 तक, यह आंकड़ा घटकर 9,330 करोड़ रुपये रह गया था।

2000 रुपये के नोट बंद क्‍यों?

RBI के मुताबिक, 2016 में नोटबंदी के बाद देश के बैंकिंग प्रॉसेस में 2000 रुपये के नोट शामिल किए गए थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में लेनदेन में इनका बहुत कम इस्तेमाल हो रहा था। इसके अलावा, 89% से अधिक 2000 रुपये के नोट चार साल से ज्यादा पुराने हो गए थे, जिस कारण इनकी बदलने की आवश्यकता महसूस हुई।

500 रुपये के कितने नोट?

वर्तमान में, 500 रुपये के नोट भारतीय मार्केट में सबसे अधिक संख्या में मौजूद हैं। RBI की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक 500 रुपये के नोटों की संख्या 5.16 लाख थी। यह मात्रा के हिसाब से सबसे अधिक है और 10 रुपये के 2.49 लाख नोट थे। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान चलन में मौजूद नोटों की मात्रा और मूल्य में भी बढ़ोतरी देखी गई है। जहां पिछले वित्त वर्ष में मूल्य में 7.8% की वृद्धि हुई थी, वहीं इस वित्त वर्ष में यह वृद्धि 3.9% रही। मात्रा के हिसाब से 7.8% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष यह वृद्धि 4.4% थी।

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