Wheelchair Basketball Paralympics: जानिए इस रोमांचक खेल के नियम, खिलाड़ियों की तकनीक और कैसे यह बास्केटबॉल से अलग है। व्हीलचेयर के साथ खेलते हुए प्लेयर कैसे हासिल करते हैं जीत।
Wheelchair Basketball Paralympics 2024: व्हीलचेयर बास्केटबॉल गेम रनिंग बास्केटबॉल के ट्रेडिशनल नियमों के आधार पर खेला जाता है, लेकिन व्हीलचेयर के यूज की वजह से रूल्स में कुछ चेंजेज किए गए हैं। व्हीलचेयर को प्लेयर के शरीर का हिस्सा माना जाता है। बॉल को उन्हें अपने कंट्रोल में रखना होता है। मतलब प्लेयर को एक साथ चेयर और बॉल दोनों पर कंट्रोल बनाए रखना होता है। यह किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बड़ा टास्क होता है। चेयर पर बैलेंस बनाते हुए तेजी से आगे बढ़ना और विरोधी टीम को मात देने के लिए स्मार्ट स्ट्रेटजी अपनाना। यही इस खेल को विशेष बनाता है।
बास्केटबॉल से कैसे अलग है व्हीलचेयर बास्केटबॉल?
व्हीलचेयर बास्केटबॉल के नियम रनिंग बास्केटबॉल से काफी मिलते-जुलते हैं, जैसे बास्केट की ऊंचाई, थ्री-पॉइंट लाइन, और कोर्ट की दूरी। लेकिन व्हीलचेयर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मामूली बदलाव किए गए हैं। जैसे—खिलाड़ी गेंद को उछालते समय व्हीलचेयर को घुमा सकते हैं। उस दौरान चेयर के साथ संतुलन जरूरी होता है।
व्हीलचेयर बास्केटबॉल के नियम
फ्री थ्रो का मौका
अगर खिलाड़ी फाउल करता है, तो प्रतिद्वंद्वी को फ्री थ्रो का मौका मिलता है। हर सफल फ्री थ्रो के लिए एक अंक मिलता है।
दो-पॉइंट और तीन-पॉइंट गोल
दो-पॉइंट और तीन-पॉइंट गोल का कंसेप्ट भी बास्केटबॉल जैसा ही है। अगर खिलाड़ी थ्री-पॉइंट लाइन से गोल करता है, तो उसे तीन अंक मिलते हैं और यदि दो-पॉइंट लाइन से गोल करता है तो उसे दो अंक मिलते हैं।
हर टीम को 24 सेकंड का समय
व्हीलचेयर बास्केटबॉल में हर टीम को बास्केट स्कोर करने के लिए 24 सेकंड का समय मिलता है। अगर टीम इस समय के भीतर स्कोर नहीं कर पाती, तो गेंद विरोधी टीम को दे दी जाती है।
ड्रिब्लिंग के अनोखे नियम
व्हीलचेयर बास्केटबॉल में खिलाड़ी गेंद को एक बार उछाल सकता है और कुर्सी को दो बार पुश कर सकता है। इसके बाद, उसे या तो पास करना होगा, शूट करना होगा, या फिर गेंद को फिर से ड्रिबल करना होगा। यहां डबल ड्रिबल का नियम लागू नहीं होता, लेकिन यदि खिलाड़ी लगातार बिना ड्रिबल किए कुर्सी को पुश करता है, तो इसे ट्रैवलिंग माना जाता है।
ये माना जाता है फाउल
व्हीलचेयर बास्केटबॉल पैरालिंपिक में प्लेयर कुर्सी से उठने के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। यदि कोई खिलाड़ी ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उसे फाउल माना जाता है। इसके अलावा, अगर कोई खिलाड़ी खेल के दरम्यान ग्राउंड में कुर्सी से गिर जाता है, तो रेफरी प्लेयर की सिक्योरिटी को देखते हुए खेल रोक सकता है।