ऊंट मौत के बाद क्यों बन जाता है साइलेंट बम? खतरे में पड़ सकती है जान

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Aug 21, 2024, 4:22 PM IST
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ऊंट की मौत के बाद उसकी लाश क्यों बन जाती है एक साइलेंट बम? जानिए ऊंट के शरीर में गैसों के कारण कैसे होता है खतरनाक विस्फोट और मरे हुए जानवरों की लाशों को सुरक्षित तरीके से निपटाने के उपाय।

How Camel Dead Body becomes a Bomb: राजस्थान में ऊंटों का बहुत महत्व है। लोग उसे अपने बच्चे की तरह पालते हैं। लेकिन जब ऊंट की मौत हो जाती है तो उसकी लाश के पास न तो वह खुद जाते हैं और न ही किसी और को जाने की सलाह देते हैं। दरअसल, मरने के बाद ऊंट की लाश एक बम की तरह हो जाती है। ऐसे में आपकी एक चूक भारी पड़ सकती है और ऊंट की डेड बॉडी बम की तरह ब्लास्ट हो सकती है। आइए इस बारे में डिटेल में जानते हैं।

मरने के बाद ऊंट के शरीर में क्या होता है?

ऊंट की मौत के बाद उसके शरीर में कई तरह की गैसें बनने लगती हैं। खासकर ऊंट के कूबड़ में जमा चर्बी, जो उसे लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करती है, वह मरने के बाद धीरे-धीरे सड़ने लगती है। इस प्रक्रिया में मेथेन गैस और कई अन्य खतरनाक गैसें, जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन, बनने लगती हैं। 

छेड़छाड़ करने पर बम की तरह फट सकती है डेड बॉडी

जब ये गैसें ऊंट के शरीर के अंदर बनने लगती हैं, तो उसका पेट और डेड बॉडी का अन्य हिस्सा फूलने लगता है। खासकर ऊंट के पेट के आसपास की त्वचा गुब्बारे की तरह फूलकर इतनी तन जाती है कि यदि कोई उसके शरीर से छेड़छाड़ करता है या उसे हिलाता है तो उसकी डेड बॉडी बम की तरह फट सकती है। 

ऊंट के शरीर का विस्फोट कितना खतरनाक हो सकता है?

ऊंट की डेड बॉडी जब फटती है, तो वह केवल एक सामान्य विस्फोट नहीं होता। ऊंट के शरीर में बने गैस का दबाव इतना ज्यादा होता है कि उसकी हड्डियां और मांस के टुकड़े दूर-दूर तक बिखर जाते हैं। यह विस्फोट इतना शक्तिशाली होता है कि इसके आसपास मौजूद व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो सकते हैं। इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

क्या केवल ऊंट के साथ ही ऐसा होता है?

ऐसा सिर्फ ऊंट के साथ ही नहीं होता। किसी भी जानवर की लाश अगर खुले में छोड़ दी जाए और वह सड़ने लगे, तो उसके शरीर में भी गैसें बनने लगती हैं। गर्मी और धूप के कारण जानवर का शरीर फूलने लगता है और अंततः बम की तरह फट सकता है। यही वजह है कि मरे हुए जानवरों को तुरंत मिट्टी में दफन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से उनके शरीर में बनने वाली गैसें धीरे-धीरे मिट्टी में समा जाती हैं और विस्फोट का खतरा टल जाता है।

कैसे बचें इस खतरे से?

अगर आप किसी मरे हुए जानवर को देखते हैं, तो सबसे पहले उससे दूर रहें। कभी भी जानवर की लाश के पास न जाएं, खासकर अगर वह कई दिनों से खुले में पड़ी हो। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करें कि किसी विशेषज्ञ या स्थानीय अधिकारी को इसकी जानकारी दी जाए, ताकि वह इसे सुरक्षित तरीके से हटा सकें। जानवर की लाश का सही निपटान ही इस खतरनाक विस्फोट से बचने का एकमात्र उपाय है।

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