करतारपुर साहिब जाने के लिए पैसे लेगा पाकिस्तान

Oct 23, 2019, 8:41 PM IST

पाकिस्तान में करतारपुर स्थित दरबार साहिब सिखों का एक बड़ा तीर्थस्थान है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने यहीं अंतिम सांस ली थी। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। करतारपुर आने वाले श्रद्धालुओं से पाकिस्तान को प्रति वर्ष 258 करोड़ भारतीय रुपए (लगभग 571 करोड़ पाकिस्तानी रुपए) कमाने की उम्मीद है।

गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन के लिए  करतारपुर में रोज 5,000 तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति प्राप्त है। पाकिस्तान प्रति तीर्थयात्री 20 डॉलर सेवा शुल्क वसूलेगा, जिससे उसे हर रोज एक लाख डॉलर (70.95 लाख रुपए ) की कमाई होगी।

तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क वसूलना पाकिस्तान के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने का एक अन्य स्रोत होगा। पाकिस्तान अभी गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है। तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क की वसूली कर वह अपनी आय बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। 

भारत ने करतारपुर गलियारे के जरिए तीर्थयात्रियों की यात्रा के लिए 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है, लेकिन भारत का कहना है कि वह तीर्थयात्रियों से सेवा शुल्क वसूलने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। 

पिछले महीने भारत और पाकिस्तान ने 4 किलोमीटर के करतारपुर गलियारे के जरिए गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त यात्रा पर सहमति जताई थी। तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए सिर्फ पासपोर्ट ले जाना होगा।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क के रूप में 20 डॉलर वसूल करने पर अड़े रहने के लिए पाकिस्तान की निंदा की है और इसे वापस लिए जाने की मांग की है।