अमेरिकी हेलीकॉप्टर चिनूक अब भारतीय वायुसेना का हिस्सा है। ऐसे चार हेलीकॉप्टरों को चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना के 12वें विंग एयरफोर्स स्टेशन पर हुए एक समारोह के बाद औपचारिक रुप से शामिल कर लिया गया। इस कार्यक्रम में वायुसेनाध्यक्ष बीएस धनोआ भी मौजूद रहे।
अमेरिकी हेलीकॉप्टर चिनूक अब भारतीय वायुसेना का हिस्सा है। ऐसे चार हेलीकॉप्टरों को चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना के 12वें विंग एयरफोर्स स्टेशन पर हुए एक समारोह के बाद औपचारिक रुप से शामिल कर लिया गया।
चिनूक हेलीकॉप्टर कई तरह की खासियतों से लैस है। इसके मिलने से भारतीय वायुसेना की रात में युद्ध करने की क्षमता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। फिलहाल पाकिस्तान के पास इसका कोई जवाब मौजूद नहीं है।
अमेरिकी कंपनी बोइंग एक समझौते के तहत 10 फरवरी को गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर चार चिनूक हेलीकॉप्टर उतारे थे। यह एक बहुद्देशीय वाहन है। जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरणों और ईंधन पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता है।
चिनूक में एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है। इसके अलावा इसमें कामन एविएशन आर्किटेक्चर कॉकपिट और एडवांस्ड कॉकपिट प्रबंध विशेषताएं हैं। इस हेलीकॉप्टर का दुनिया के कई भिन्न भौगोलिक परिस्थितियों में काफी क्षमता से संचालन होता रहा है। चिनूक हेलीकॉप्टर का उपयोग अमेरिका के अलावा भी कई देशों की सेनाएं कर रही हैं।