Sep 20, 2019, 5:30 PM IST
केन्द्रीय गृहमंत्री के हिंदी वाले बयान पर राजनीति गर्माई हुई है। खासतौर पर देश के दक्षिणी राज्यों में। लेकिन शाह का कहना है कि अब लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि भारत में कई भाषा हैं लेकिन पूरे देश में एक भाषा होनी चाहिए। जो विश्व में भारत की पहचान बने। जिसके बाद उनका बयान मीडिया और सोशल मीडिया में सुर्खियां बना। अमित शाह ने कहा मैं खुद गुजरात से आता हूं जहां की भाषा गुजराती है। लेकिन फिर भी मैं कहता हूं कि देश के लिए एक भाषा होनी चाहिए।
इसके विरोध में फिल्म स्टार कमाल हासन ने कहा कि ऐसा करना गलत होगा। कोई भी शाह और सुल्तान कोई भी भाषा किसी पर नहीं थोप सकता है। कमल हासन ने कहा कि 1950 में वादा किया गया था कि लोगों की भाषा और पहचान बरकरार रहेगी। लिहाजा किसी पर भाषा नहीं थोपी जानी चाहिए। वहीं फिल्मों से राजनीति में आए रजनीकांत ने भी इसका समर्थन किया लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसा करना भारत में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो अच्छा होगा।