Top-10 Toll Plazas: कौन सा हाईवे बना पैसों की खान और क्यों हो रही जबरदस्त कमाई?
First Published Mar 26, 2025, 11:02 AM IST
Highest Earning Toll Plaza: भारत में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाला टोल प्लाजा गुजरात के भरथाना गांव के पास NH-48 पर स्थित है, जिसने 5 साल में 2,043.81 करोड़ रुपये टोल कलेक्शन किया। जानें टॉप-10 टोल प्लाजा और उनकी कमाई के बारे में।
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भारत में सड़कों का विस्तार तेजी से हो रहा है, और इसके साथ ही टोल प्लाजा से होने वाली कमाई भी नए रिकॉर्ड बना रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीते 5 साल में देश के टॉप-10 टोल प्लाजा से कुल 13,988 करोड़ रुपये का टोल कलेक्शन हुआ है।
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भारत का सबसे अमीर टोल प्लाजा: जहां हर साल बरसते हैं करोड़ों!
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाला टोल प्लाजा कहाँ स्थित है? यह कोई बड़ा शहर नहीं, बल्कि गुजरात के एक छोटे से गांव भरथाना के पास NH-48 पर स्थित टोल प्लाजा है, जिसने बीते 5 साल में कुल 2,043.81 करोड़ रुपये का टोल कलेक्शन किया है। साल 2023-24 में इस टोल प्लाजा ने रिकॉर्डतोड़ 472.65 करोड़ रुपये कमाए।

NH-48: सबसे ज्यादा कमाई वाला हाईवे!
टोल कलेक्शन के मामले में NH-48 सबसे आगे है। इसी हाइवे पर राजस्थान का शाहजहांपुर टोल प्लाजा भी स्थित है, जिसने हर साल 378 करोड़ रुपये की कमाई दर्ज की। यह हाईवे उत्तर भारत के सूखे क्षेत्रों को पश्चिमी तट के बंदरगाहों और औद्योगिक इलाकों से जोड़ता है, जिससे इस पर भारी संख्या में ट्रक और कमर्शियल गाड़ियां दौड़ती हैं।

टोल वसूली के मामले में GT रोड, दिल्ली-मुंबई हाईवे और पूर्वी तट राजमार्ग सबसे आगे हैं। तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल का जलाधुलागोरी टोल प्लाजा (NH-16, धनकुनी-खड़गपुर सेक्शन) है, जिसने 5 साल में 1,538.91 करोड़ रुपये टोल कलेक्शन किया।

भारत के टॉप-10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा
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भरथाना टोल प्लाजा (गुजरात, NH-48): 2,043.81 करोड़ रुपये
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शाहजहांपुर टोल प्लाजा (राजस्थान, NH-48): 1,890 करोड़ रुपये
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जलाधुलागोरी टोल प्लाजा (पश्चिम बंगाल, NH-16): 1,538.91 करोड़ रुपये
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बारजोर टोल प्लाजा (उत्तर प्रदेश, NH-19): 1,480.75 करोड़ रुपये
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घरौंदा टोल प्लाजा (हरियाणा, NH-44): 1,314.37 करोड़ रुपये
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चोरयासी टोल प्लाजा (गुजरात, NH-48): 1,290 करोड़ रुपये
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ठिकरिया टोल प्लाजा (राजस्थान, NH-48): 1,240 करोड़ रुपये
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L&T कृष्णागिरी टोल प्लाजा (तमिलनाडु, NH-44): 1,210 करोड़ रुपये
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नवाबगंज टोल प्लाजा (उत्तर प्रदेश, NH-25): 1,180 करोड़ रुपये
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सासाराम टोल प्लाजा (बिहार, NH-2): 1,150 करोड़ रुपये

फास्टैग ने बदली टोल कलेक्शन की तस्वीर!
पिछले कुछ वर्षों में फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद टोल कलेक्शन में तेज़ी आई है।
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2019-20 में कुल टोल कलेक्शन: 27,504 करोड़ रुपये
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2023-24 में कुल टोल कलेक्शन: 55,882 करोड़ रुपये
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5 साल में कुल टोल वसूली: 1.9 लाख करोड़ रुपये

राज्यों में सबसे ज्यादा टोल कलेक्शन कहां?
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उत्तर प्रदेश: 97 टोल प्लाजा, 5 साल में 22,914 करोड़ रुपये की कमाई
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राजस्थान: 156 टोल प्लाजा, 5 साल में 20,308 करोड़ रुपये का टोल कलेक्शन

क्या बढ़ती टोल वसूली आम जनता पर बोझ बन रही है?
हालांकि टोल से होने वाली कमाई को सड़क सुधार और मेंटेनेंस पर खर्च किया जाता है, लेकिन यह आम यात्रियों के लिए एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी बन रहा है। लोगों का मानना है कि हाईवे पर सफर करना पहले की तुलना में महंगा हो गया है। सरकार का कहना है कि टोल प्लाजा का नेटवर्क और बढ़ाया जाएगा, लेकिन इस पर यात्रियों की सुविधा और उनकी जेब पर पड़ने वाले असर को संतुलित करना जरूरी है।

हाईवे विस्तार के साथ टोल वसूली में हो रही बेतहाशा वृद्धि
भारत में हाईवे नेटवर्क के विस्तार के साथ-साथ टोल वसूली में भी बेतहाशा वृद्धि हो रही है। गुजरात का भरथाना टोल प्लाजा, राजस्थान का शाहजहांपुर टोल प्लाजा और पश्चिम बंगाल का जलाधुलागोरी टोल प्लाजा देश के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा में शामिल हैं। हालांकि, यह बढ़ती टोल वसूली आम जनता के लिए अतिरिक्त खर्च बनती जा रही है, जिससे सरकार को इस पर एक संतुलित नीति बनानी होगी।