हेल्थ डेस्क। अभी कोरोना का प्रकोप लोग भूले भी नहीं थे की मंकीपॉक्स ने एक नई आफत खड़ी कर दी है। दरअसल, अफ्रीकी देशों से निकलकर अब ये दूसरे महाद्वीप में भी पहुंचने लगा है। विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) ने इसे हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी मंकीफॉक्स के मामले सामने आने पर केंद्र सरकार ने देशभर में अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। ऐसे में जानना जरूरी है कि एमपॉक्स क्या है और ये चेचक यानी चिकनपॉक्स से कितना अलग है। 

1) मंकीपॉक्स के लक्षण 

मंकीपॉक्स आमतौर पर जंगली बंदरों से फैलता है। ये ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन्स से संबंधित होता है। एमपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति में चेचक जैसे लक्षण नजर आते हैं। जिनमें बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द,मांसपेशियों में दर्द अलावा शरीर में दाने या फिर फोड़े पड़ना है। ये जितने ज्यादा हो जाते हैं कि इसमें मवाद पड़ने लगते हैं। धीरे-धीरे चेहरे शुरू होकर ये पूरे शरीर में फैल जाते हैं। वहीं इलाज न मिलने पर इंसान की मौत भी हो जाती है।

 2) चिनकपॉक्स के लक्षण

चिकनपॉक्स वेरिसला जॉस्टर वायरस से होता है। ये वायरस मरीज के व्यहवार और लक्षणों पर निर्भर करता है और उसकी गंभीरता भी अलग-अलग होती है। मंकीपॉक्स की तरह इसमें  बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द जैसी  समस्या रहती है हालांकि सबसे बड़ा बदलाव है ये कि चेचक में  एमपॉक्स की तरह दानों लिम्फ का आकार बड़ा नहीं होता है। जबकि मंकीपॉक्स में दानों सूजन रहती हैं। चिकनपॉक्स में ये दाने छोटे-छोटे रहते हैं। कुल मिाकर मंकीपॉक्स के फफोले चिकनपॉक्स की तुलना में अधिक होते हैं। 

3) मंकीपॉक्स से बचाव का तरीका

मंकीपॉक्स इन दिनों ज्यादातर देशों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। ऐसे में खुद का ख्याल रखे। इससे बचाव के लिए सभी जरूरत चीजों का पालन करें। स्मॉलपॉक्स का टीका लगवाएं। जो मंकीपॉक्स को एक हद तक कंट्रोल करने में मदद करता है। वहीं मंकीपॉक्स से लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि इसे बढ़ने से रोका जा सके। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। मंकीपॉक्स आमतौर पर जानवरों से फैलता है। ऐसे में जंगली जानवरों के पास जाने से बचें और इस वक्त भी एनिमल खरीदने से पहले जांच-परख लें। 

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