दिल्ली।  जिन्हें बड़ा काम करना होता है उनके रास्ते में ना उम्र आने आती है ना हालात। उनके लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा ही उनकी ताकत होता है। आज हम आपको दिल्ली के उदय भाटिया से मिलाने जा रहे हैं जो 12th क्लास के स्टूडेंट है लेकिन ऐसा कारनामा कर दिया जो हजारों के तादाद में परेशान लोगों के लिए वरदान साबित हो गया। 

एक घटना ने हिला कर रख दिया उदय को 

अप्रैल 2022 की बात है जब उदय भाटिया अपनी हाई स्कूल की परीक्षा के बाद यूपी के बिचपुरी गए थे। वहां  बच्चों से बातचीत करते हुए उदय को समझ में आया कि बच्चे पढ़ना चाहते हैं लेकिन बिजली कटौती के कारण बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है और वह चाह कर भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों के अनुसार हर रोज 10 से 12 घंटे बिचपुरी  में बिजली की कटौती होती थी। यह बात सुनकर उदय परेशान हो गए। दिल्ली वापस आकर उदय ने यह सोच लिया था कि बिचपुरी के बच्चों की समस्या को हल करना है।

और उदय ने बनाया इन्वर्टर बल्ब 

8 महीने की कड़ी मेहनत के बाद उदय ने एक इनवर्टर बल्ब बनाया जो बिजली कटौती के बाद भी 10 घंटे तक बैकअप दे सकता है। क्योंकि बिचपुरी गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि वह इनवर्टर खरीद सकें इस बात को ध्यान में रखते हुए उदय ने इनवर्टर बल्ब इन्नोवेट किया। इस बल्ब को बनाने के लिए उदय ने यूट्यूब वीडियो देखना शुरू किया जहां उन्होंने सीखा की बल्ब को कैसे असेंबल किया जाता है। शुरू में 4 घंटे के बैकअप वाला बल्ब बना जिससे उदय संतुष्ट नहीं थे। उदय ने पूरी रिसर्च किया कि आखिर कैसे बिजली के बगैर 10 घंटा बल्ब इनवर्टर का काम कर सकता है। उदय ने बल्ब बनाने में  लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग किया था जिसका बैकअप सिर्फ 4 घंटे का होता है।  अपनी रिसर्च में उदय ने समझा कि अगर बल्ब की ब्राइटनेस कम करते हैं तो लंबा बैकअप मिलता है इसलिए उन्होंने बल्ब की ब्राइटनेस को कम करने के लिए सेटिंग इंस्टॉल किया।

30000 रुपये में उदय ने शुरू किया अपना स्टार्टअप

इस इनोवेशन के बाद उदय ने अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया और ढाई सौ रुपए में एक बल्ब बेचना शुरू किया।  यह बल्ब 1 साल की वारंटी के साथ आते हैं। उदय की कंपनी की टैगलाइन है "बिजली गुल फिर भी उजाला फुल" ।  ₹30000 से उदय ने अपना स्टार्टअप शुरू किया। प्रमोशन के लिए उदय ने खुद बाजारों का दौरा करना शुरू किया।  गांव के किसान और ग्रामीणों से मिलना शुरू किया। अब तक उदय 7000 से ज्यादा बल्ब बेच चुके हैं। 

उदय ने जीता डायना पुरस्कार

क्योंकि उदय का यह बल्ब चार्जेबल है इसलिए ज्यादातर स्लम एरिया के लोग, मजदूर उनके बल्ब को खरीदते हैं । दिन में वह बल्ब को चार्ज करते हैं और रात में इस्तेमाल करते हैं। इस इनोवेशन के बाद उदय को डायना पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया।उदय  का सपना है कि वह एक ऐसी ट्यूबलाइट बनाएं जो गांव में कारखाने में मदद करें।

 

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