खंडवा। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) 2022 में खंडवा जिले के ऋतिक सोलंकी ने कमाल कर दिया है। ट्रेजरी ऑफिसर के पद पर चयनित हुए हैं। उनके भाई भी वनरक्षक बने हैं। सोलंकी के पिता भी अफसर बनना चाहते थे। पर परिवार चलाने के लिए ड्राइवर का काम करने लगे। उनकी सक्सेस यूथ के लिए मिसाल है। आइए जानते हैं उनकी सफलता का राज।

शुरुआत से ही सिविल सर्विस का लक्ष्य

ऋतिक ने अपनी स्कूली पढ़ाई 12वीं तक साइंस स्ट्रीम से की, लेकिन उनका रुझान शुरू से ही सिविल सर्विस की तरफ था। उन्होंने बीए में एडमिशन लिया और कॉलेज के दौरान ही सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। इतिहास और राजनीति विज्ञान उनके मुख्य विषय रहे, जिनकी उन्होंने खूब पढ़ाई की।

कोचिंग और सेल्फ-स्टडी 

ऋतिक ने अपनी तैयारी को मजबूत करने के लिए दिल्ली के प्रसिद्ध "विजन IAS" कोचिंग का सहारा लिया। वहां से उन्होंने जनरल स्टडीज (GS) की तैयारी की। इसके साथ ही नियमित रूप से अखबार पढ़ा और समसामयिक घटनाओं पर अपनी पकड़ मजबूत की। उनके मुताबिक, सफलता के लिए शॉर्ट नोट्स बनाना बेहद जरूरी है। शॉर्ट नोट्स ने न केवल उन्हें रिवीजन में मदद की, बल्कि परीक्षा के दिन उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया।

जनरल स्टडीज़ के लिए ऋतिक के टिप्स

ऋतिक ने कुछ महत्वपूर्ण किताबों को बार-बार पढ़ा और रिवीजन किया। वह एस्पिरेंट्स को कुछ बुक्स भी सुझाते हैं। उनमें स्पेक्ट्रम की मॉडर्न हिस्ट्री, लक्ष्मीकांत की राजनीति विज्ञान कुणाल सर की इकोनॉमिक्स और लुसेंट की जनरल स्टडीज की बुक्स शामिल हैं। ज्योग्राफी के लिए उन्होंने सुदर्शन गुर्जर सर को फॉलो किया। यूट्यूब और अन्य फ्री ऑनलाइन संसाधनों का भी यूज किया और नोट्स बनाए। उनका मंत्र था, "दस किताबें पढ़ने के बजाय, एक किताब को कई बार पढ़ो।"

प्रशासनिक अधिकारियों ने भी दिया साथ

ऋतिक की सफलता में खंडवा के प्रशासनिक अधिकारियों का भी अहम योगदान रहा। कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, एडीएम बडोले सर, और अपर कलेक्टर निकिता मंडलोई ने उन्हें प्री, मेंस और इंटरव्यू की तैयारी में गाइड किया। इन अधिकारियों ने अपना कीमती समय देकर ऋतिक को तैयार किया और उनकी कमजोरियों पर काम करने में मदद की।

पिता का सपना हुआ पूरा

ऋतिक के चयन पर उनके पिता रूप सिंह सोलंकी की आंखों में खुशी के आंसू थे। रूप सिंह खुद ऑफिसर बनना चाहते थे, लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उन्होंने ड्राइवर की नौकरी शुरू कर दी। वह खंडवा एडीएम बडोले सर की गाड़ी चलाते हैं। उन्होंने हमेशा अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। ऋतिक की सफलता से उनका सपना अब सच हो गया है।

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